Farrukhabad woman burnt alive फर्रुखाबाद में दर्दनाक वारदात: दवा लेने निकली महिला को जिंदा जलाया, इलाज के दौरान मौत
Farrukhabad woman burnt alive फर्रुखाबाद में 33 वर्षीय महिला निशा सिंह को दवा लेने निकली स्कूटी पर छह लोगों ने कथित तौर पर जिंदा जला दिया। इलाज के दौरान मौत, परिवार ने पड़ोसी युवक और साथियों पर लगाया आरोप। पुलिस जांच जारी।
Farrukhabad woman burnt alive घटना की शुरुआत

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Farrukhabad woman burnt alive उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से एक बेहद दर्दनाक और भयावह घटना सामने आई है। यहां 33 वर्षीय महिला निशा सिंह को स्कूटी से दवा लेने के लिए घर से निकला था, लेकिन रास्ते में उसे जिंदा जला दिया गया। पुलिस के मुताबिक घटना जहानगंज थाना क्षेत्र के कुंदन गनेशपुर इलाके में हुई। महिला को गंभीर हालत में पहले स्थानीय अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज भेजा गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
Farrukhabad woman burnt alive पीड़िता और उसका परिवार
पीड़िता निशा सिंह मूल रूप से झिझुकी गांव, थाना जहानगंज की रहने वाली थीं। वह फतेहगढ़ के नेकपुर चौरासी में अपने दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहती थीं। उनके पति अमित सिंह चौहान दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार का कहना है,कि निशा अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित रहती थीं और अक्सर दवा लेने या बच्चों की जरूरतों के लिए अकेले ही बाहर जाती थीं।
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Farrukhabad woman burnt alive घटना का विवरण
परिवार के अनुसार, घटना वाले दिन निशा स्कूटी से दवा लेने के लिए निकली थीं। इसी दौरान गाँव के बाहर स्थित एक सुनसान जगह पर उन पर हमला हुआ। आरोप है, कि दीपक नामक युवक और उसके पाँच साथियों ने मिलकर उन्हें रोक लिया और पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। चीख-पुकार सुनकर लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
Farrukhabad woman burnt alive गंभीर रूप से झुलसी निशा को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें लोहिया अस्पताल और फिर सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
Farrukhabad woman burnt alive पुलिस का बयान और जांच
प्राथमिकी दर्ज
पीड़िता के पिता बलराम सिंह ने इस घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसमें दीपक और पाँच अन्य लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Farrukhabad woman burnt alive अधिकारियों का बयान
एसपी संजय कुमार ने बताया कि परिवार के आरोपों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
पुलिस की टीमें आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन खंगाले जा रहे हैं।
Farrukhabad woman burnt alive आत्मदाह की संभावना
पुलिस की शुरुआती जांच में कुछ ऐसे तथ्य भी सामने आए हैं,जो यह इशारा करते हैं, कि मामला आत्मदाह का हो सकता है। पुलिस का कहना है, कि निशा ने खुद पेट्रोल खरीदा था और कुछ फुटेज में उन्हें बोतल के साथ जाते हुए देखा गया। हालांकि, परिवार इस दावे को खारिज कर रहा है,और इसे पूरी तरह साजिश बता रहा है।
परिवार का आरोप
निशा के परिवार का कहना है,कि दीपक लंबे समय से उसे परेशान कर रहा था। वह बातचीत करने और नज़दीकी बढ़ाने की कोशिश करता था। जब निशा ने उसे नज़रअंदाज़ किया तो उसने इस वारदात को अंजाम दिया। परिवार का दावा है,कि निशा ने अस्पताल में बयान देते हुए भी हमलावरों के नाम बताए थे।
इलाज और पोस्टमार्टम रिपोर्ट
निशा को गंभीर रूप से झुलसी हालत में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि उसके शरीर का लगभग 80% हिस्सा जल चुका था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण थर्मल बर्न्स बताया गया है।
सामाजिक आक्रोश
यह घटना सामने आते ही इलाके में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों का कहना है, कि महिला सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। लोगों ने दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी और कड़ी सज़ा की मांग की है।
महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल
यह घटना सिर्फ एक परिवार के लिए त्रासदी नहीं बल्कि समाज के लिए एक बड़ा सवाल है। आखिर क्यों आज भी महिलाएँ अपने ही शहर में सुरक्षित महसूस नहीं कर पातीं? स्टॉकिंग, छेड़छाड़ और उत्पीड़न के मामलों में ढिलाई कहीं न कहीं ऐसे बड़े अपराधों को जन्म देती है।
निष्कर्ष
फर्रुखाबाद की यह घटना एक बार फिर से यह याद दिलाती है, कि महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर अभी भी लंबा सफर तय करना बाकी है। पीड़िता निशा सिंह की मौत ने पूरे जिले को झकझोर दिया है। पुलिस जांच जारी है,और समाज को उम्मीद है, कि दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सज़ा मिलेगी।
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