अलीगढ़ में मंदिरों की दीवारों पर “I Love Muhammad” लिखने वाले जीशांत, दिलीप, आकाश और अभिषेक गिरफ्तार। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह मामला Hindu Muslim narrative फैलाने की साजिश थी, न कि धार्मिक विवाद।
झूठे नैरेटिव से समाज का माहौल बिगाड़ने की साजिश
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर को हिला दिया। कुछ मंदिरों की दीवारों पर “I Love Muhammad” लिखे जाने से सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। लेकिन अब अलीगढ़ पुलिस की जांच ने सच्चाई सामने ला दी है, यह कोई धार्मिक विवाद नहीं, बल्कि एक personal enmity का हिस्सा था, जिसे Hindu Muslim narrative में बदलने की कोशिश की गई थी।
पुलिस जांच में सनसनीखेज खुलासा: विवाद के पीछे था जमीन का झगड़ा
अलीगढ़ पुलिस के मुताबिक, जिन युवकों ने मंदिरों की दीवारों पर “I Love Muhammad” लिखा था, उनके नाम जीशांत, दिलीप, आकाश और अभिषेक हैं। जांच में सामने आया कि इन चारों का एक स्थानीय मुस्लिम परिवार के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इन युवकों ने साजिश के तहत मंदिर की दीवारों पर ये शब्द लिखे ताकि माहौल बिगड़े और मुस्लिम समाज के लोगों को फंसाया जा सके। पुलिस के अनुसार, इस साजिश का उद्देश्य था कि प्रशासन उन निर्दोष मुस्लिम युवकों पर कार्रवाई करे जो पहले से इनके विवाद में शामिल थे। Hindu Muslim narrative के इस झूठे खेल ने यह साबित कर दिया कि कैसे निजी रंजिश को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की जाती है।

अलीगढ़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई और प्रशासन का बयान
अलीगढ़ के एसएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि पुलिस टीम ने तुरंत जांच शुरू की और मंदिरों के आसपास के CCTV फुटेज खंगाले। फुटेज में चारों आरोपी दीवारों पर स्प्रे करते हुए दिखे।
पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है, और उनके खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
एसएसपी ने कहा “यह मामला धार्मिक नहीं था, बल्कि Hindu Muslim narrative को झूठा रूप देने की कोशिश थी। ऐसे अपराधियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
मीडिया और सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें

जैसे ही “I Love Muhammad” की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, कई चैनलों ने इसे बिना जांचे communal issue बना दिया। लोगों के बीच गलतफहमी फैली और Hindu Muslim narrative को हवा मिली। हालांकि पुलिस के खुलासे के बाद सच सामने आने पर शहर में शांति वापस लौट रही है। मीडिया को अब यह समझने की जरूरत है, कि बिना सत्यापन के ऐसी खबरें समाज में नफरत का माहौल बना सकती हैं।
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सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट: एक चेतावनी
अलीगढ़ पुलिस ने नागरिकों से अपील की है,कि वे किसी भी fake news या communal post को आगे न बढ़ाएं।
जांच में पाया गया कि कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से Hindu Muslim narrative को जानबूझकर ट्रेंड कराया गया था।
पुलिस अब इन अकाउंट्स की भी जांच कर रही है,ताकि अफवाह फैलाने वालों को पकड़ा जा सके।
सीख: सच्चाई ही एकता की नींव है
यह घटना हमें यह सिखाती है, कि समाज में हर विवाद को धर्म से जोड़ना गलत है।
अलीगढ़ पुलिस की सतर्कता ने समय रहते Hindu Muslim narrative की साजिश को बेनकाब किया। जरूरत है, कि आम नागरिक सच्चाई को समझें और किसी भी धार्मिक या राजनीतिक झूठे नैरेटिव से दूर रहें।
समझदारी ही देश की ताकत है
अलीगढ़ का यह मामला सिर्फ एक पुलिस केस नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। एक छोटी सी झूठी हरकत पूरे शहर का माहौल खराब कर सकती है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि Hindu Muslim narrative के नाम पर कोई हमारी एकता को तोड़ न सके। पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने यह दिखा दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं।
Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य किसी धर्म, समुदाय या व्यक्ति की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है। यह रिपोर्ट केवल तथ्यात्मक जानकारी और पुलिस जांच के आधार पर लिखी गई है। पाठकों से अनुरोध है, कि किसी भी अफवाह या Hindu Muslim narrative से जुड़ी झूठी खबर पर भरोसा न करें और शांति बनाए रखें।
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