Ranbir Kapoor Ramayana movie भगवान राम का किरदार निभाकर मेरी आत्मा तक बदल गई “रणबीर कपूर”
मुंबई। Ranbir Kapoor Ramayana movie कुछ किरदार अभिनय से नहीं निभाए जाते, वो आत्मा में उतरते हैं। कुछ कहानियाँ सिर्फ परदे पर नहीं चलतीं, बल्कि जिंदगी को भीतर से छू जाती हैं। और ऐसा ही कुछ हुआ रणबीर कपूर के साथ, जब उन्होंने नितेश तिवारी की रामायण में भगवान श्रीराम का किरदार निभाते हुए अपनी ज़िंदगी का सबसे पवित्र अनुभव जिया।
शूटिंग के आखिरी दिन जैसे ही डायरेक्टर ने “पैक अप” कहा, रणबीर कपूर की आंखें भर आईं। उन्होंने टीम को गले लगाते हुए जो शब्द कहे, वो सेट पर मौजूद हर शख्स की रूह तक उतर गए –
राम सिर्फ किरदार नहीं थे, वो मेरी सोच, मेरे व्यवहार, मेरी आत्मा का हिस्सा बन गए हैं।”
सेट पर भावनाओं का सैलाब – रणबीर की आंखों में छलके ‘राम’ के आँसू
जब कैमरे बंद हुए, तो एक कलाकार के भीतर का भावुक इंसान सबके सामने आ गया। रणबीर कपूर मंदिर के सामने जाकर बैठ गए। किसी ने उन्हें टोका नहीं। वो चुपचाप आंखें बंद किए, हाथ जोड़े बैठे रहे — जैसे खुद श्रीराम से विदाई ले रहे हो
“मैंने बहुत किरदार निभाए हैं, लेकिन ये पहला है जो मुझे भीतर से बदल गया,” रणबीर ने कहा।

रामायण’ नहीं, बल्कि एक साधना थी ये फिल्म
इस फिल्म के लिए रणबीर ने ना केवल अपनी फिज़िक बदल डाली, बल्कि जीवनशैली भी तपस्वी जैसी बना ली। उन्होंने महीनों तक शराब और नॉनवेज से दूरी बनाई, हर सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर योग, ध्यान और संस्कृत श्लोकों का अभ्यास किया।
“मैं हर सीन से पहले ‘श्रीराम जय राम’ का जाप करता था,” रणबीर ने एक इंटरव्यू में कहा।
जब सेट बना ‘अयोध्या’ – हर सीन से पहले होती थी पूजा
निर्देशक नितेश तिवारी और उनकी टीम ने फिल्म के सेट को सिर्फ तकनीकी स्थान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र की तरह तैयार किया। हर दिन शूटिंग शुरू होने से पहले आरती होती, सभी कलाकार सिर पर गमछा या कपड़ा बांधकर मर्यादा में रहते।
“ये फिल्म नहीं थी, ये हमारा यज्ञ था,” टीम के एक सदस्य ने कहा।
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रणबीर की मेहनत देख भावुक हुए यश और साई पल्लवी
रावण का किरदार निभा रहे यश और सीता बनीं साई पल्लवी ने भी रणबीर की समर्पित ऊर्जा को देखकर कहा —
“ऐसा लग रहा था जैसे पर्दे पर नहीं, सच में श्रीराम हमारे सामने खड़े हैं।”
यह सिर्फ स्टारकास्ट नहीं, एक आध्यात्मिक संगम था
रणबीर कपूर – मर्यादा पुरुषोत्तम राम
साई पल्लवी – माता सीता
यश – रावण
सनी देओल – बजरंग बली हनुमान
लारा दत्ता – रानी कैकेयी
रवि किशन – निषादराज
हर कलाकार के लिए ये फिल्म एक भावनात्मक यात्रा थी, जिसे वे अपनी आत्मा में लेकर लौटे।
VFX और बैकग्राउंड म्यूजिक – एक सांस्कृतिक महाकाव्य का अनुभव
फिल्म की तकनीकी टीम ने हर फ्रेम को एक पेंटिंग की तरह डिज़ाइन किया है। मशहूर स्टूडियो DNEG इंडिया ने VFX पर काम किया है। हर युद्ध सीन, पुष्पक विमान, लंका का महल, सीता हरण — सब कुछ इतिहास से जुड़ा और भव्य दिखेगा।
सोशल मीडिया पर उमड़ा प्यार – ‘युग का राम’ कह रहे फैंस
जैसे ही फिल्म के रैप की तस्वीरें और वीडियो सामने आए, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #RanbirAsRam और #Ramayana2025 ट्रेंड करने लगे।
> “कभी सोचा नहीं था कि रणबीर राम जैसे दिख सकते हैं, लेकिन अब लगता है – वही असली राम हैं!”, एक फैन ने लिखा।
शब्दों से ज़्यादा बोल गया रणबीर का मौन
अंतिम दिन रणबीर कपूर ने कोई लंबा भाषण नहीं दिया। वो बस हाथ जोड़कर बोले –
> “धन्य हूँ कि मुझे श्रीराम को जीने का अवसर मिला।”
इसके बाद वो मंदिर के सामने घुटनों पर बैठ गए। हर कोई शांत था। और उस मौन में एक कलाकार की आत्मा बोल रही थी।
कब आएगी ‘रामायण’ – इंतजार का अंत कब होगा?
निर्माताओं की मानें तो ‘रामायण’ का पहला भाग 2025 की दिवाली पर रिलीज़ किया जाएगा। और यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक संस्कार और संस्कृति का उत्सव होगा।
जब अभिनय से ज्यादा आत्मा से जुड़ी कहानी बन जाए ‘रामायण’
रणबीर कपूर की भावनाएँ हमें बताती हैं कि यह फिल्म सिर्फ टिकट खिड़की की दौड़ नहीं है, बल्कि हमारे भारत की आत्मा की पुनर्प्रस्तुति है। एक ऐसा अनुभव, जो दिल से देखा जाएगा, और आंखों से नहीं — भावना से महसूस किया जाएगा।
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