UP Anti Corruption Court योगी सरकार की बड़ी पहल: यूपी के 18 जिलों में खुलेंगी 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट, अब होगी तेज़ और स्थानीय न्याय की व्यवस्था
UP Anti Corruption Court योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए यूपी के 18 जिलों में 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट खोलने का आदेश दिया है। अब भ्रष्टाचार के मामलों में तेज़ और स्थानीय स्तर पर सुनवाई संभव होगी।
UP Anti Corruption Court अब भ्रष्टाचार के मामलों में नहीं होगी देरी

उत्तर प्रदेश में अब भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई पहले से कहीं अधिक तेज़ और स्थानीय स्तर पर होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश के 18 जिलों में 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट खोलने के निर्देश जारी किए हैं।
इस फैसले से न केवल भ्रष्टाचार नियंत्रण (Anti-Corruption Control) मजबूत होगा बल्कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई भी अब स्थानीय न्यायालय (Local Court Hearing) में संभव होगी।
UP Anti Corruption Court यह आदेश प्रमुख सचिव संजय प्रसाद द्वारा 16 अक्टूबर को जारी किया गया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में न्याय व्यवस्था को और सशक्त बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
यूपी के 18 जिलों में 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट की स्थापना
UP Anti Corruption Court उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के 18 जिलों में 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन कोर्ट्स में एडीजे/विशेष न्यायाधीश (ADJ/Special Judge) स्तर के अधिकारी न्याय करेंगे।
आगरा, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, झांसी, लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, बांदा, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती और गोंडा जैसे जिलों में ये विशेष अदालतें बनाई जा रही हैं।
उदाहरण के लिए
आगरा कोर्ट में अब आगरा, मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद के केस सुने जाएंगे।
मेरठ में दो कोर्ट होंगी एक में मेरठ, बागपत, हापुड़ और दूसरी में गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर के केस।
बरेली कोर्ट में बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत के मामले शामिल रहेंगे।
UP Anti Corruption Court यह निर्णय प्रदेश के हर कोने तक न्याय पहुँचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अब नहीं होगी लंबी पेशी और समय की बर्बादी
पहले कई मंडलों में भ्रष्टाचार के केसों की सुनवाई किसी दूर के जिले की कोर्ट में होती थी। जैसे, आगरा मंडल के केस मेरठ कोर्ट में पेश किए जाते थे। इससे न सिर्फ समय बल्कि सरकारी धन की भी बड़ी बर्बादी होती थी।
अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर ही भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई होगी।
इससे
मुकदमों की सुनवाई तेज़ होगी,
सरकारी संसाधनों की बचत होगी,
और पीड़ित या गवाहों को लंबी यात्राएं नहीं करनी पड़ेंगी।
यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया को सरल और जनता के लिए अधिक सुलभ (Accessible Justice System) बना रहा है।
भ्रष्टाचार पर लगेगा सीधा प्रहार
UP Anti Corruption Court योगी सरकार का यह कदम सीधे तौर पर सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए उठाया गया है।
अब राजपत्रित अधिकारी, पुलिस अधिकारी और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई तेजी से हो सकेगी।
प्रदेश में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत दर्ज मुकदमों में अब किसी भी प्रकार की देरी नहीं होगी।
सरकार का उद्देश्य है,कि भ्रष्टाचार के मामलों में “Zero Tolerance Policy” अपनाई जाए और हर दोषी को समय पर सज़ा मिले।
UP Anti Corruption Court यह फैसला प्रदेश की छवि को सुधारने और प्रशासनिक ईमानदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
इस कदम से होंगे ये बड़े फायदे
1. त्वरित न्याय: स्थानीय कोर्ट में सुनवाई से मामलों का निपटारा तेज़ी से होगा।
2. समय और धन की बचत: लंबी दूरी तय करने की ज़रूरत खत्म होगी।
3. भ्रष्टाचार पर नियंत्रण: एंटी करप्शन कोर्ट्स की मौजूदगी से भ्रष्टाचारियों में भय बढ़ेगा।
4. जनता में भरोसा: सरकार की न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास और मज़बूत होगा।
5. कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता: कोर्ट और अभियोजन के बीच सीधा तालमेल रहेगा।
इससे यूपी में कानून का शासन और मजबूत होगा और ईमानदार अधिकारियों को एक सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
“ईमानदार भारत” की दिशा में योगी सरकार का मजबूत कदम
UP Anti Corruption Court उत्तर प्रदेश में नई एंटी करप्शन कोर्ट्स की स्थापना यह संकेत देती है, कि योगी सरकार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में है।
यह सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं बल्कि जनता के विश्वास को पुनर्स्थापित करने वाला निर्णय है।
अब भ्रष्टाचार के मामलों में “कभी न खत्म होने वाली सुनवाई” नहीं बल्कि “समय पर न्याय” की उम्मीद की जा सकती है।
अस्वीकरण
UP Anti Corruption Court यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी आदेशों और समाचार रिपोर्टों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल सूचनात्मक है। पाठक किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि कर सकते हैं।

+ There are no comments
Add yours