गोरखपुर उरुवा ब्लॉक में हड़कंप: ‘rabies infection’ वाली गाय के दूध से बना पंचामृत, 150 ग्रामीण दहशत में
गोरखपुर के उरुवा ब्लॉक के रामडीह गांव में rabies infection का मामला सामने आया। संक्रमित गाय के दूध से पंचामृत बनने पर 150 ग्रामीणों में दहशत फैल गई। PHC में वैक्सीन की भीड़।
डर और बेचैनी के बीच गांव का माहौल जब श्रद्धा अचानक खतरे में बदल गई

गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के उरुवा ब्लॉक के रामडीह गांव में इन दिनों हर घर में डर का माहौल है। धार्मिक अनुष्ठान में बने पंचामृत में जिस कच्चे दूध का उपयोग हुआ, वह एक ऐसी गाय का था जिसमें गंभीर rabies infection था। करीब 150 ग्रामीणों ने श्रद्धा से पंचामृत ग्रहण किया और बाद में जब यह सच्चाई सामने आई, तो पूरे गांव में दहशत छा गई।
गांव की गलियों में सिर्फ एक ही सवाल गूंज रहा है,
“अब हम क्या करें?”
संक्रमण की शुरुआत: एक छोटी सी गलती ने पूरे उरुवा क्षेत्र को चिंता में डाला
यह घटना करीब तीन महीने पहले शुरू हुई थी, जब एक आवारा कुत्ते ने दो ग्रामीणों सुशील गौड़ और धर्मेंद्र गौड़ की गायों को काट लिया। सुशील ने समझदारी दिखाते हुए अपनी गाय को वैक्सीन दिलवा दी, लेकिन धर्मेंद्र ने इस खतरे को गंभीरता से नहीं लिया। धीरे-धीरे उनकी गाय में rabies infection के लक्षण उभरने लगे और बीमारी बढ़ती गई। गाय की हालात बिगड़ने के बाद अंत में उसकी मौत हो गई।
लेकिन असली संकट तब पैदा हुआ जब किसी ने यह नहीं सोचा कि संक्रमित गाय का दूध इस्तेमाल करने से क्या जोखिम हो सकता है। यह लापरवाही अब पूरे उरुवा ब्लॉक के लिए चिंता का विषय बन गई है।
धार्मिक आयोजन में बना बड़ा जोखिम: श्रद्धा ने लोगों को अनजाने में खतरे में डाल दिया

रामडीह गांव में राजीव गौड़ और सोनू विश्वकर्मा के घर धार्मिक आयोजन था। पंचामृत तैयार किया जा रहा था और उसी में संक्रमित गाय का कच्चा दूध मिलाया गया। लोगों ने इसे प्रसाद मानकर ग्रहण किया, बिना यह जानें कि यह दूध rabies infection का वाहक हो सकता है।
करीब 150 लोगों ने पंचामृत लिया महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग। जब बाद में बताया गया कि दूध एक rabies infection वाली गाय का था, तो गांव में अफरा-तफरी मच गई।
कई लोगों ने घबराकर तुरंत पीएचसी का रुख किया।
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रक्रिया: PHC उरुवा में लगी लंबी लाइन
जैसे ही मामला अधिकारियों तक पहुंचा, स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया। PHC उरुवा में ग्रामीणों की भीड़ लगातार बढ़ रही है।स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. जे.पी. तिवारी के अनुसार: सभी प्रभावित लोगों को तीन डोज एंटी रेबीज वैक्सीन दी जाएगी
पहला डोज तुरंत दूसरा डोज 3 दिन बाद तीसरा डोज 7वें दिन
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अब तक 70 से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।यह पूरा घटना क्रम बताता है,कि rabies infection को लेकर लापरवाही कितनी खतरनाक हो सकती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने भी कहा कि विशेषज्ञ टीम लगातार निगरानी कर रही है, और किसी को अफवाहों में नहीं पड़ना चाहिए।
कच्चे दूध से रेबीज का खतरा वैज्ञानिक तथ्य और जरूरी जागरूकता
कई लोग इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं, कि क्या कच्चा दूध rabies infection का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य वैज्ञानिक और WHO के अनुसार: उबला हुआ दूध सुरक्षित होता है,लेकिन संक्रमित जानवर का कच्चा दूध खतरनाक हो सकता है,ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है
यह घटना सिर्फ रामडीह गांव की नहीं बल्कि पूरे उरुवा ब्लॉक के लिए चेतावनी है। धार्मिक भावनाओं के बीच सावधानी की अनदेखी स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
गांव में डर और राहत वैक्सीनेशन से बढ़ने लगी उम्मीद
भले ही रामडीह गांव में भय का माहौल है, लेकिन समय पर वैक्सीनेशन मिलने से लोगों को राहत भी मिल रही है। ग्रामीण अब एक-दूसरे को जागरूक कर रहे हैं कि: किसी भी पशु को कुत्ता काटे, तो तुरंत वैक्सीन दिलवाएँ
कच्चा दूध न पिएँ rabies infection को हल्के में न लें यह घटना गांव के लिए एक बड़ी सीख बन चुकी है।
Disclaimer यह लेख केवल जागरूकता के लिए लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधित समस्या या संदेह की स्थिति में तुरंत डॉक्टर या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। यह लेख किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
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