Indigo Crisis इंडिगो संकट 2025: हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा जिम्मेदारी, यात्रियों को मुआवजा

Written by: Tanu K

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इंडिगो संकट 2025: हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा जिम्मेदारी, यात्रियों के लिए मुआवजा

Iindigo Crisis दिल्ली के यात्रियों के लिए इंडिगो संकट ने हाल ही में सफर को परेशानी भरा बना दिया। कई फ्लाइट्स रद्द होने और देरी के कारण हवाई अड्डों पर लोग फंसे रहे। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और DGCA से सवाल उठाए कि ऐसी स्थिति कैसे बनी और कौन जिम्मेदार है। अदालत ने संकट के गंभीर प्रभाव पर चिंता जताई और यात्रियों को मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए।

Indigo Crisis दिल्ली हाईकोर्ट में इंडिगो विवाद

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्र से पूछा कि आखिर क्यों कई उड़ानें रद्द हुईं। अदालत ने कहा कि यात्रियों को हुई असुविधा और उत्पीड़न के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ा है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि दूसरी एयरलाइंस इस संकट का फायदा उठाकर टिकटों की कीमतें बढ़ा रही हैं, क्या यह उचित है।

सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और एयरलाइन ने अपनी ओर से खेद जताया है। यह संकट मुख्य रूप से क्रू मेंबर्स के उड़ान ड्यूटी घंटे संबंधी नियमों के पालन में चूक के कारण उत्पन्न हुआ।

Indigo Crisis केंद्र सरकार का पक्ष

केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि यह समस्या Flight Duty Time Limitations (FDTL) 2024 के दिशानिर्देशों के अनुपालन में देरी के कारण हुई।

  • अप्रैल 2025 तक चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश था।
  • पायलटों के लिए रात में लैंडिंग की लिमिट 1 नवंबर 2025 से लागू की जानी थी।
  • अधिकारी DGCA की ओर से इंडिगो के साथ संवाद और पर्यवेक्षण कर रहे हैं।

इंडिगो समय पर पर्याप्त पायलट भर्ती करने में असफल रही। इसके अलावा, Jeppesen सॉफ्टवेयर में व्यवधान और अपर्याप्त योजना ने संकट को बढ़ाया।

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इंडिगो संकट के कारण और प्रभाव

जांच में यह सामने आया कि संकट के पीछे कई कमियां थीं:

  • पायलटों और क्रू मेंबर्स की संख्या पर्याप्त नहीं थी।
  • शेड्यूलिंग और संचालन की योजना में खामियां।
  • सॉफ्टवेयर सपोर्ट में व्यवधान।
  • नियमों का सही अनुपालन नहीं।

Indigo Crisis परिणामस्वरूप, यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित किया गया, हवाई अड्डों पर फंसा और कई लोग स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अन्य एयरलाइंस ने इस मौके पर किराए बढ़ाकर अनुचित लाभ उठाया।

DGCA समिति और जांच

DGCA ने संकट के कारणों का आकलन करने के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई। जांच का उद्देश्य था:

  • उड़ान परिचालन व्यवधान के कारणों की पहचान।
  • मैनपावर प्लानिंग और FDTL तत्परता की समीक्षा।
  • एयरलाइन की ओर से उठाए गए कदमों और उपायों का आकलन।
  • जवाबदेही तय करना।

6 दिसंबर, 2025 को DGCA ने इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एयरलाइन को यह बताना था कि नियमों के उल्लंघन के बावजूद कार्रवाई क्यों न की जाए।

हाईकोर्ट की चिंता और निर्देश

हाईकोर्ट ने सरकार की कार्रवाई की सराहना की, लेकिन यह भी पूछा कि यात्रियों को फंसे हुए छोड़कर स्थिति को क्यों बढ़ाया गया। अदालत ने मुआवजे पर भी जोर दिया। DGCA के 2010 के सर्कुलर के तहत यात्रियों को सुविधा और मुआवजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

यात्रियों के लिए राहत

  • इंडिगो को यात्रियों को मुआवजा देने और सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश।
  • मंत्रालय और DGCA इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
  • आवश्यक होने पर अन्य उपाय भी लागू किए जा सकते हैं।

इंडिगो संकट ने यह दिखा दिया कि एयरलाइन संचालन में नियमों का पालन और पर्याप्त तैयारी कितनी अहम है। यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और समयबद्ध सेवा सुनिश्चित करना एयरलाइंस और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है।

Disclaimer: यह लेख केवल जनसामान्य जानकारी के लिए है। इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में न लें।

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Tanu K

Tarannum, born on July 12, 1993, in the vibrant city of Gorakhpur, Uttar Pradesh, is a passionate content writer with a knack for storytelling. After earning her Bachelor’s in English from DDU, Gorakhpur, she dove into the world of words, driven by her love for crafting meaningful narratives. With seven years of experience, Tarannum has penned captivating content for niches like wellness, education, and e-commerce. Her writing is fresh, relatable, and SEO-savvy, connecting effortlessly with readers. From freelancing for local startups to strategizing content for a leading digital agency, she’s honed her skills in blogs, ad copy, and social media. In her downtime, Tarannum enjoys reading fiction and mentoring young writers, dreaming of stories that spark change.

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