Puja Pandey murder case अभिषेक गुप्ता की हत्या की मास्टरमाइंड निकली पूजा पांडेय गांधी पर गोली चलाने वाली अब जेल के पीछे!
Puja Pandey murder case अलीगढ़ के व्यापारी अभिषेक गुप्ता की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। गांधी पर गोली चलाने वाली पूजा पांडेय अब हत्या की साजिश की मुख्य आरोपी बन चुकी है। जानिए कैसे ईमानदार व्यापारी की जान ली गई और पुलिस ने आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया।
देश को झकझोर देने वाली यह घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
जिस महिला ने कभी महात्मा गांधी की तस्वीर पर गोली चलाकर “गोदसे ज़िंदाबाद” का नारा लगाया था, वही आज एक निर्दोष व्यवसायी अभिषेक गुप्ता की हत्या की साजिश की मुख्य अपराधी बन गई है।
नाम है, पूजा शाकुन पांडेय, जो खुद को अनापूर्णा भारती भी कहती है।
Puja Pandey murder case यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं, बल्कि उस सोच की भी है, जो नफ़रत के ज़हर से इंसानियत को मार रही है।
Puja Pandey murder case पूजा पांडेय कौन है, गांधी के विरोध से हत्या तक का सफर
पूजा पांडेय का नाम देशभर में तब चर्चा में आया जब उसने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर गोली चलाई और उसके बाद “गांधी मुर्दाबाद” के नारे लगाए।
यह वही महिला थी जिसने संत का वस्त्र पहनकर नफ़रत का चेहरा बना दिया था।
2019 में जब यह वीडियो वायरल हुआ, तब पूरे देश में आक्रोश फैला।
Puja Pandey murder case लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह महिला सिर्फ विचारों से नहीं, कर्मों से भी अपराधी बन जाएगी।
समय बीतता गया और पूजा पांडेय धार्मिक आयोजनों, कट्टर भाषणों और विवादों में सक्रिय रही।
पर इस बार उसने जो किया, उसने पूरे देश को हिला दिया अलीगढ़ के युवा व्यवसायी अभिषेक गुप्ता की हत्या करवाना।
कौन था अभिषेक गुप्ता एक मेहनती व्यापारी जिसने सिर्फ ईमानदारी से काम किया
अभिषेक गुप्ता अलीगढ़ के निवासी थे।
वह एक टीवीएस बाइक शोरूम चलाते थे और अपने पिता के साथ व्यापार संभाल रहे थे।
वह अपने ग्राहकों के बीच ईमानदारी और सादगी के लिए जाने जाते थे।
परंतु जिनसे वह कभी परिचित थे वही लोग उनकी मौत का कारण बने।
सूत्रों के अनुसार, पूजा पांडेय और उसके पति अशोक पांडेय ने उनसे व्यापार में बिना निवेश के हिस्सेदारी की मांग की थी।
अभिषेक ने इंकार कर दिया।
यहीं से दुश्मनी शुरू हुई।
परिवार का कहना है,कि पूजा और उसके पति लगातार अभिषेक पर दबाव डालते थे।
जब अभिषेक ने रिश्ता और संपर्क खत्म कर दिया, तो उसकी मौत की स्क्रिप्ट लिखी जाने लगी।
Puja Pandey murder case हत्या की साजिश पैसों में खरीदी गई मौत
26 सितंबर की रात, अलीगढ़ में अभिषेक गुप्ता अपने पिता और रिश्तेदार के साथ घर लौट रहे थे।
अचानक दो बाइक सवार बदमाश आए और लगातार गोलियां दाग दीं।
अभिषेक वहीं गिर पड़े और कुछ ही देर में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
शुरुआत में पुलिस को यह एक कारोबारी रंजिश लग रही थी, लेकिन जांच ने बड़ा सच खोला।
Puja Pandey murder case मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, व्हाट्सऐप चैट और बैंक ट्रांजेक्शन से पता चला कि
पूजा पांडेय और उसके पति ने दो सुपारी किलरों को ₹3 लाख में हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
₹1 लाख एडवांस दिया गया था और बाक़ी रकम हत्या के बाद देने का वादा किया गया था।
दोनों शूटर मो. फ़ज़ल और मो. आसिफ पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पूछताछ में उन्होंने साफ़-साफ़ कहा
“हमने पूजा मैडम और उनके पति के कहने पर ही ये काम किया।”
Puja Pandey murder case पुलिस की कार्रवाई भगोड़ी से गिरफ्तार तक
हत्या के बाद पूजा पांडेय फरार हो गई।
पुलिस ने उस पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया और नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया।
कई दिन की तलाश के बाद राजस्थान के भरतपुर इलाके में आगरा-जयपुर हाईवे से उसे गिरफ्तार किया गया।
उसके पति अशोक पांडेय को भी हिरासत में लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूजा लगातार फर्जी सिम और लोकल होटल्स में ठहरकर अपनी लोकेशन बदल रही थी।
लेकिन टेक्निकल सर्विलांस और शूटरों की कॉल डिटेल से पुलिस को सुराग मिला और पूरा गैंग पकड़ा गया।
अभी सभी आरोपी पूजा पांडेय, अशोक पांडेय, फज़ल और आसिफ जेल भेजे जा चुके हैं,और चार्जशीट तैयार की जा रही है।
परिवार की व्यथा “हमारे बेटे ने कभी किसी का बुरा नहीं किया”
अभिषेक गुप्ता के पिता का बयान सुनकर कोई भी इंसान रो पड़ेगा।
उन्होंने कहा
“मेरा बेटा दिन-रात मेहनत करता था। उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
पूजा पांडेय जैसी लोग धार्मिक वस्त्र पहनकर पाप करती हैं, ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।”
परिवार अब न्याय की उम्मीद में हर दिन अदालत के दरवाज़े तक जाता है।
अलीगढ़ के लोगों में गुस्सा है, क्योंकि जिसने गांधी पर गोली चलाई, वह अब इंसान पर गोली चलवाने तक पहुंच गई।
Puja Pandey murder case समाज पर सवाल जब नफ़रत अपराध बन जाती है
पूजा पांडेय का केस हमें याद दिलाता है, कि जब कोई व्यक्ति धर्म और कट्टरता की आड़ में ज़हर फैलाता है,
तो उसका अगला कदम अक्सर हिंसा या अपराध ही होता है।
यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि समाज के हर उस नागरिक की चेतावनी है,जो “नफ़रत के नाम पर गौरव” खोजता है।
अगर गांधी की विचारधारा आज भी जीवित है, तो यह घटना उसी विचार की परीक्षा है।
कानून ने एक बार फिर साबित किया है, कि चाहे कोई कितनी भी ऊँची आवाज़ में बोले
सच और न्याय की गूंज हमेशा सबसे ऊँची होती है।
Puja Pandey murder case अपराध चाहे कितना भी बड़ा हो, कानून के हाथ और लंबे हैं
पूजा पांडेय की गिरफ्तारी यह संदेश देती है,कि
“कानून की किताब में धर्म या रंग नहीं, सिर्फ़ न्याय लिखा होता है।”
गांधी की तस्वीर पर गोली चलाना उसके चरित्र की झलक थी,
और अभिषेक गुप्ता की हत्या ने उस झलक को पूरा अपराध बना दिया।
अब जनता की निगाहें अदालत और पुलिस पर हैं,
क्या न्याय मिलेगा? क्या अभिषेक गुप्ता के परिवार की आत्मा को शांति मिलेगी?
देश यह सब जानना चाहता है।
डिस्क्लेमर
Puja Pandey murder case यह लेख सार्वजनिक समाचार रिपोर्टों (NDTV, Hindustan Times, Indian Express, Telegraph India आदि) पर आधारित है।
भविष्य में जांच से जुड़े नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
लेख का उद्देश्य किसी संस्था या व्यक्ति की मानहानि नहीं, बल्कि तथ्यात्मक और मानवीय रूप से सत्य जानकारी प्रस्तुत करना है।
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