Lalitpur corruption case उत्तर प्रदेश के ललितपुर की मऊमाफी गांव की फूलवती ने रिश्वतखोर बाबुओं मयंक और लखनलाल से तंग आकर दी जान, सदर तहसील में भ्रष्टाचार की ये कहानी रुला देगी
Lalitpur corruption case उत्तर प्रदेश के ललितपुर में मऊमाफी गांव की विधवा फूलवती ने चकबंदी विभाग के बाबुओं मयंक और लखनलाल की रिश्वतखोरी व प्रताड़ना से तंग आकर जहर खा लिया। पुलिस ने चार लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Lalitpur corruption case इंसाफ की उम्मीद में टूटी एक मां, और सरकारी सिस्टम की बेरहमी ने छीन ली ज़िंदगी

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।
सदर तहसील के मऊमाफी गांव की रहने वाली विधवा फूलवती ने सरकारी अफसरों की रिश्वतखोरी और प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाकर अपनी जान दे दी।
Lalitpur corruption case जिस सिस्टम से उन्हें न्याय की उम्मीद थी, उसी ने उन्हें मौत की ओर धकेल दिया। यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे सरकारी तंत्र की एक दर्दनाक तस्वीर है।
पहले ₹1.20 लाख की रिश्वत, फिर ₹50 हजार की नई डिमांड
फूलवती कई महीनों से अपनी जमीन की चकबंदी प्रक्रिया को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही थीं।
उनकी बेटी प्रियंका के अनुसार, चकबंदी विभाग के लेखपाल मयंक और कानूनगो लखनलाल अहिरवार ने पहले ही उनसे ₹1 लाख 20 हजार की रिश्वत वसूल ली थी।
लेकिन काम पूरा करने की बजाय, दोनों अधिकारी दो दिन पहले दोबारा गांव आए और खुलेआम ₹50 हजार और मांगने लगे।
जब फूलवती ने पैसे देने से इंकार किया, तो उन पर गाली-गलौज, धमकियां और मानसिक प्रताड़ना शुरू कर दी गई।
पहले से टूटी हुई एक गरीब विधवा इन दबावों को और नहीं झेल पाई। बेबस होकर उन्होंने जहर खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
Lalitpur corruption case बेटी प्रियंका ने खोली बाबुओं की पोल, चार के खिलाफ FIR
फूलवती की मौत के बाद बेटी प्रियंका ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने चार लोगों को अपनी मां की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया
1. लेखपाल मयंक,
2. कानूनगो लखनलाल अहिरवार,
3. गांव के दबंग प्रमोद,
4. और बलदेव।
प्रियंका ने आरोप लगाया कि इन चारों ने मिलकर उसकी मां पर ₹50 हजार की रिश्वत देने का दबाव बनाया। जब वह असमर्थ रहीं, तो उन्हें इतना परेशान किया गया कि उन्होंने अपनी जान दे दी
Lalitpur corruption case पुलिस ने शव कब्जे में लेकर शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और गहन जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।
हालांकि ग्रामीणों का कहना है, कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक सभी दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा नहीं दी जाती।
रिश्वतखोरी की यह कहानी प्रशासन के चेहरे पर तमाचा
Lalitpur corruption case फूलवती की आत्महत्या केवल एक घटना नहीं, बल्कि सरकारी भ्रष्टाचार की कड़वी सच्चाई है।
उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर के कई राज्यों में जमीन, आवास, पेंशन और चकबंदी विभागों में रिश्वतखोरी आम हो चुकी है।
जब किसी गरीब को अपनी ही जमीन के हक के लिए रिश्वत देनी पड़े,
जब विधवा को हर अफसर के आगे गिड़गिड़ाना पड़े,
और जब न्याय के नाम पर लूट मची हो
तो सवाल उठता है, कि आखिर इस सिस्टम में इंसानियत बची ही कितनी है?
Lalitpur corruption case गांव में पसरा मातम, प्रशासन से न्याय की गुहार
मऊमाफी गांव में अब सन्नाटा छाया हुआ है।
गांव की महिलाएं रोते हुए कहती हैं, “फूलवती हमारी तरह ही थी, गरीब थी, लेकिन हिम्मतवाली थी। अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो हम सबका क्या होगा?”
गांव के बुजुर्ग कहते हैं, “वो सरकारी बाबुओं से लड़ नहीं सकी, लेकिन उसकी मौत भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आवाज बनेगी।”
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Lalitpur corruption case फूलवती की मौत एक चेतावनी, एक सवाल
फूलवती की आत्महत्या प्रशासन और सरकार दोनों के लिए आईना है।
अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई,तो यह घटना आने वाले दिनों में और “फूलवतियों” को जन्म देगी जो इस व्यवस्था की भेंट चढ़ जाएंगी।
सरकार के लिए यह परीक्षा की घड़ी है।
क्या दोषियों को सजा मिलेगी या फिर यह मामला भी बाकी फाइलों की तरह धूल खा जाएगा?
ललितपुर की फूलवती की मौत सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम पर लगा सबसे बड़ा आरोप है।
यह घटना बताती है,कि जब शासन प्रशासन के दफ्तर मदद के बजाय “वसूली केंद्र” बन जाएं, तो इंसान जीने की वजह खो देता है।
अब वक्त है कि सरकार सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में कोई और महिला “रिश्वतखोरी के जहर” से अपनी जान न गंवाए।
Disclaimer:
Lalitpur corruption case यह लेख सत्यापित स्थानीय रिपोर्ट्स और पुलिस के बयान पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरूकता फैलाना है। प्रशासन से अपील है,कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और फूलवती इस क्रूर सिस्टम की शिकार न बने।
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