Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death गोरखपुर में हनुमान चौहान की मौत से बवाल: लखनऊ में 15 दिन भर्ती रहने के बाद निधन, नौसड़ चौराहा रोड जाम में पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज, महिला सिपाही घायल
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death गोरखपुर में हनुमान चौहान की मौत के बाद नौसड़ चौराहा रोड जाम, पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज। लखनऊ में 15 दिन भर्ती रहने के बाद निधन।
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): गोरखपुर जिले के गीड़ा थाना क्षेत्र के जवाहरचक गांव में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब स्थानीय निवासी हनुमान चौहान की मौत लखनऊ के KGMU अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death हनुमान 4 अक्टूबर को दुर्गा पूजा पंडाल लगाने को लेकर हुए विवाद में गंभीर रूप से घायल हुए थे और लगभग 15 दिन तक लखनऊ में भर्ती रहने के बाद रविवार की रात उन्होंने दम तोड़ दिया।
उनकी मौत की खबर मिलते ही परिजन और ग्रामीणों ने नौसड़ चौराहा पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव हुआ, जिसमें महिला सिपाही सीमा यादव घायल हुईं।
स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death पंडाल विवाद और हमला: हनुमान चौहान पर लाठी डंडों से हमला
घटना की शुरुआत 4 अक्टूबर की शाम को हुई।
गांव में दुर्गा पूजा पंडाल लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया।
विवाद इतना बढ़ा कि दूसरे पक्ष ने हनुमान चौहान (उम्र लगभग 35 वर्ष) पर लाठी और रॉड से हमला कर दिया।
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death उनके सिर पर गंभीर चोट आई और वे मौके पर गिर पड़े।
परिजन और ग्रामीण उन्हें तुरंत जिला अस्पताल, गोरखपुर ले गए।
डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई और बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया।

बीआरडी से लखनऊ KGMU तक: 15 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष
बीआरडी में इलाज के दो दिन बाद डॉक्टरों ने हनुमान की हालत नाजुक देख उन्हें लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) रेफर किया।
वहाँ वे लगभग 15 दिन तक वेंटिलेटर पर भर्ती रहे।
डॉक्टरों के मुताबिक, सिर की हड्डी टूटने और आंतरिक रक्तस्राव के कारण उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई।
20 अक्टूबर की रात उन्होंने दम तोड़ दिया। परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे और वृद्ध माता-पिता हैं।
मौत की खबर सुनते ही पूरे इलाके में गम और गुस्से का माहौल छा गया।
नौसड़ चौराहा रोड जाम: गुस्सा फूटा, पुलिस पर पथराव
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death हनुमान की मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीणों और परिजनों ने नौसड़ चौराहा पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया।
लोगों ने दोषियों की गिरफ्तारी और ₹20 लाख मुआवज़ा की मांग की।
भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें महिला सिपाही सीमा यादव घायल हो गई।
स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, इसलिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को तितर बितर किया गया।
कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई और बयान
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी सिटी कृष्ण कुमार विष्णु, एसडीएम सदर अंजनी सिंह और सीओ कैंट मनोज अवस्थी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने परिजनों से बात की और शव का पोस्टमार्टम कराने की व्यवस्था की।
एसपी सिटी विष्णु ने कहा
“हमले में शामिल सभी आरोपियों की पहचान हो चुकी है, कुछ को हिरासत में लिया गया है, और बाकी की तलाश जारी है।
पुलिस पर हमला करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
पुलिस ने धारा 302 (हत्या), 147, 148, 149 (दंगा), 332 (सरकारी कार्य में बाधा) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
प्रशासन ने परिवार को ₹5 लाख की राहत राशि देने की घोषणा की है।
परिजनों की व्यथा और गांव का गुस्सा
मृतक के भाई रामअवध चौहान ने कहा
“हमारे भाई को बेरहमी से मारा गया। अगर पुलिस शुरू में कार्रवाई करती तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। अब हम सिर्फ न्याय चाहते हैं।”
गांव के लोग बताते हैं,कि हनुमान चौहान शांत और मेहनती व्यक्ति थे।
उनकी मौत के बाद पूरे क्षेत्र में मातम और आक्रोश का माहौल है।
सोशल मीडिया और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
घटना के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForHanuman और #GorakhpurNews ट्रेंड करने लगे।
स्थानीय नेताओं और विपक्षी दलों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की मांग की।
न्याय की उम्मीद और सवाल
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death हनुमान चौहान की मौत ने पूरे जिले को झकझोर दिया है।
गांव और परिवार का कहना है।
“दोषियों को फांसी मिले, तभी हमारे भाई की आत्मा को शांति मिलेगी।”
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death प्रशासन और पुलिस पर अब जिम्मेदारी है, कि वे इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच करें और जनता का भरोसा बहाल करें।
Disclaimer
Gorakhpur Crime Hanuman Chauhan Death यह रिपोर्ट स्थानीय मीडिया (Live Hindustan, Amar Ujala, Dainik Jagran) और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर आधारित है।
तथ्यों की अंतिम पुष्टि पुलिस जांच और मेडिकल रिपोर्ट से होगी।
हमारा उद्देश्य केवल सटीक, निष्पक्ष और मानवता आधारित खबरें जनता तक पहुँचाना है।

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