Gorakhpur Khajni land fraud गोरखपुर खजनी में पति-पत्नी और बेटे ने जमीन घोटाले से की करोड़ों की ठगी, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
Gorakhpur Khajni land fraud गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र में दिनेश सिंह, मीना सिंह और युवराज सिंह ने जमीन के कूटरचित दस्तावेज़ बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार किया। SSP राज करन नय्यर के निर्देश पर कार्रवाई हुई और आरोपियों को जेल भेजा गया।
Gorakhpur Khajni land fraud गोरखपुर जिले के खजनी थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। यहां के खजूरी गांव में रहने वाले दिनेश सिंह, उनकी पत्नी मीना सिंह और बेटा युवराज सिंह पर आरोप है,कि उन्होंने जमीन की खरीद-फरोख्त में कूटरचित दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में गहन जांच शुरू कर दी है।
Gorakhpur Khajni land fraud कैसे हुआ ठगी का खेल?

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मामला तब सामने आया जब खजनी के रहने वाले बैजनाथ सिंह ने पुलिस को लिखित तहरीर दी। बैजनाथ का आरोप है,कि आरोपियों ने अपनी जमीन को ज्यादा बताकर और झूठे दस्तावेज़ बनाकर उसे और अन्य लोगों को धोखा दिया। आरोपियों ने प्लॉट दिखाते समय जमीन का एरिया बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और असली दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ की।
Gorakhpur Khajni land fraud बैजनाथ सिंह के मुताबिक, परिवार ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि जमीन बड़ी और वैध है। भरोसा जताते हुए उन्होंने बड़ी रकम चुका दी। बाद में जब नापी और दस्तावेज़ की जांच हुई तो पूरा घोटाला सामने आ गया।
पुलिस प्रशासन की भूमिका
घटना की सूचना मिलते ही गोरखपुर पुलिस हरकत में आई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राज करन नय्यर ने मामले को गंभीर मानते हुए तत्काल कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया।
खजनी थाना प्रभारी की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें शामिल थे:
थानाध्यक्ष खजनी – ऑपरेशन का नेतृत्व किया।
उपनिरीक्षक (SI) जयराम यादव पूरे मामले की जांच और सबूत जुटाने का जिम्मा संभाला।
कांस्टेबल अतुल कुमार गिरफ्तारी कार्रवाई में शामिल रहे।
महिला कांस्टेबल प्रतिमा यादव महिला आरोपी मीना सिंह की गिरफ्तारी में तैनात रहीं।
पुलिस टीम ने त्वरित छापेमारी कर तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
Gorakhpur Khajni land fraud दर्ज हुआ मुकदमा
इस प्रकरण में मुकदमा संख्या 300/2025 दर्ज किया गया है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि दिनेश सिंह, मीना सिंह और युवराज सिंह ने मिलकर कूटरचित दस्तावेज़ तैयार किए और लोगों को ठगने का षड्यंत्र रचा।
हालांकि FIR की धाराएँ मीडिया रिपोर्ट में असंगत तरीके से लिखी गई हैं, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार इसमें IPC की कई गंभीर धाराएँ जैसे धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक षड्यंत्र शामिल की गई हैं।
Gorakhpur Khajni land fraud ठगी की राशि और पीड़ित
पुलिस सूत्र बताते हैं,कि अब तक की जांच में करोड़ों रुपये की ठगी सामने आई है। बैजनाथ सिंह समेत कई अन्य लोग इस धोखाधड़ी के शिकार बने हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है,कि कुल कितने लोगों से ठगी हुई और रकम की वास्तविक मात्रा क्या है।
Gorakhpur Khajni land fraud पुलिस की जांच का दायरा
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस घोटाले में राजस्व विभाग या रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत रही है। दस्तावेज़ों में हेरफेर बिना किसी अंदरूनी सहयोग के संभव नहीं लगता।
साथ ही, पुलिस बैंक खातों और पैसों के लेन-देन की भी गहन पड़ताल कर रही है। आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने ठगी से मिली रकम कहां और किस काम में लगाई।
Gorakhpur Khajni land fraud SSP का सख्त संदेश
एसएसपी राज करन नय्यर ने स्पष्ट कहा है,कि गोरखपुर पुलिस भूमि घोटाले और ठगी के मामलों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।
उनका कहना है “जमीन-जायदाद के नाम पर लोगों को धोखा देने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला बेहद गंभीर है। आरोपियों को जेल भेजने के साथ-साथ पीड़ितों को न्याय दिलाने की हर संभव कोशिश की जाएगी।”
Gorakhpur Khajni land fraud समाज में चर्चा और असर
खजनी क्षेत्र और आसपास के गांवों में इस घटना की खूब चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं,कि जमीन खरीदते समय कई बार लोग भरोसे के कारण दस्तावेज़ों की गहन जांच नहीं करते और बाद में इसी का फायदा ऐसे लोग उठा लेते हैं।
पीड़ित पक्ष का कहना है, कि यह सिर्फ उनके साथ नहीं बल्कि इलाके के अन्य लोगों के साथ भी हुआ है। कई लोग सामने आने को तैयार नहीं हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद वे भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं जमीन घोटाले?
गोरखपुर और पूर्वांचल के अन्य जिलों में पिछले कुछ वर्षों से जमीन से जुड़ी ठगी और फर्जीवाड़े के मामले तेजी से बढ़े हैं। वजह साफ है,
1. जमीन की कीमतों में तेजी से इज़ाफा।
2. लोग दस्तावेज़ों की ठीक से जांच नहीं करते।
3. रजिस्ट्री और राजस्व विभाग में पारदर्शिता की कमी।
4. भू-माफियाओं की सक्रियता और राजनीतिक संरक्षण।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है, कि जमीन खरीदने वालों को सतर्क क्यों नहीं किया जाता और सरकारी विभाग ऐसे मामलों पर पहले से कार्रवाई क्यों नहीं करते।
आगे की राह
फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों – दिनेश सिंह, मीना सिंह और युवराज सिंह – को जेल भेज दिया है। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है, कि कहीं इस परिवार का पहले से भी कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं है। साथ ही, पीड़ितों की सूची तैयार की जा रही है ताकि सभी को न्याय दिलाया जा सके।
निष्कर्ष
खजनी का यह मामला सिर्फ एक परिवार द्वारा की गई ठगी नहीं है, बल्कि यह प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी है। जमीन खरीदते समय हर किसी को दस्तावेज़ों की जांच करानी चाहिए और किसी भी लालच या भरोसे में आकर बड़ा निवेश नहीं करना चाहिए।
गोरखपुर पुलिस ने इस कार्रवाई से यह संदेश जरूर दिया है कि अपराध चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, आरोपी कानून से नहीं बच सकते।