Puri viral video शर्मनाक! ओडिशा में लेक्चरर पति ने टीचर पत्नी और छात्र नेता को पीटते हुए निकाला जुलूस, वीडियो वायरल
Puri viral video ओडिशा के पुरी जिले में लेक्चरर पति ने टीचर पत्नी और छात्र नेता को सरेआम पीटते हुए जुलूस निकाला, गले में माला पहनाई और कपड़े उतरवाए। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। पढ़ें पूरी जानकारी।
पुरी (ओडिशा) 10 सितंबर 2025 ओडिशा के पुरी ज़िले के निमापारा थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य ही नहीं बल्कि देशभर में सनसनी मचा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा गया कि एक कॉलेज लेक्चरर पति ने अपनी ही पत्नी, जो कि स्कूल शिक्षिका हैं, और उसके साथ मौजूद एक छात्र नेता को सरेआम पीटते हुए अपमानित किया। इतना ही नहीं, उसने पत्नी के गले में माला पहनाकर और कथित प्रेमी छात्र नेता को कपड़े उतरवाकर पूरे इलाके में घुमाया। इस अमानवीय कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया और लोगों ने इस घटना की जमकर निंदा की।
Puri viral video घटना कैसे घटी?
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स्थानीय सूत्रों के अनुसार, घटना 10 सितंबर की रात की है जब लेक्चरर पति को अपनी पत्नी पर बेवफाई का शक हुआ। बताया जा रहा है कि महिला शिक्षिका के घर पर उस समय एक युवक मौजूद था, जिसे लोग छात्र नेता के रूप में पहचानते हैं। गुस्से से तमतमाए पति ने अपने साथियों के साथ घर पर धावा बोला और दोनों को बाहर खींच लाया।
महिला को पीटते हुए उसका मुँह बाँधा गया।
गले में जबरन माला पहनाई गई।
युवक (छात्र नेता) के कपड़े उतरवाकर उसे लगभग अर्धनग्न अवस्था में भीड़ के बीच खड़ा कर दिया गया।
दोनों को गली-गली घुमाया गया और तमाशबीन लोग इस दृश्य का वीडियो बनाते रहे।
यह पूरा घटनाक्रम कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते हजारों लोग इस घटना की आलोचना करने लगे।
Puri viral video पुलिस की कार्रवाई
घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुरी पुलिस हरकत में आई।
निमापारा थाना पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज की।
आरोपित पति और उसके एक सहयोगी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में महिला की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और आगे की जांच में और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
पुरी ज़िले के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “यह घटना समाज में कानून-व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद गंभीर है। वीडियो साक्ष्य के आधार पर हम आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
Puri viral video सामाजिक और पारिवारिक पहलू
यह घटना सिर्फ एक वैवाहिक विवाद नहीं रही, बल्कि इसे जिस तरह सार्वजनिक अपमान का रूप दिया गया, उसने समाज की सोच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पति का गुस्सा व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने पत्नी और उसके साथ मौजूद युवक को सामाजिक तमाशा बना दिया।
मोहल्ले और भीड़ ने भी संवेदनशीलता दिखाने के बजाय मोबाइल कैमरे निकालकर वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर साझा कर दिया।
Puri viral video कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है,कि यह मानसिकता महिलाओं को “इज़्ज़त” के नाम पर अपमानित करने की प्रवृत्ति को दर्शाती है।
महिला आयोग और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना पर नाराज़गी जताई और कहा कि “किसी भी विवाद का निपटारा कानून के दायरे में होना चाहिए, न कि भीड़ और लज्जाजनक जुलूस के ज़रिए।”
Puri viral video कानूनी पहलू
कानूनी जानकारों के मुताबिक इस मामले में कई धाराएँ लागू हो सकती हैं, जिनमें—
1. शारीरिक हमला (IPC 323, 325)
2. महिला की गरिमा भंग करना (IPC 354)
3. अवैध रूप से बंधक बनाना (IPC 342)
4. मानहानि और सार्वजनिक अपमान (IPC 500)
5. आईटी ऐक्ट (क्योंकि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया)
अगर अदालत में यह साबित हो गया कि आरोपियों ने साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया है, तो उन्हें लंबी जेल की सज़ा मिल सकती है।
Puri viral video पीड़िता की स्थिति
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महिला शिक्षिका मानसिक रूप से बेहद आहत हैं। वह लगातार रो रही हैं,और परिवार के लोगों से मिलने से भी कतरा रही हैं। उनके परिजनों का कहना है,कि यह मामला पारिवारिक कलह तक सीमित होना चाहिए था, लेकिन पति ने इसे सामाजिक अपमान में बदल दिया, जिससे महिला की ज़िंदगी और करियर दोनों पर असर पड़ सकता है।
Puri viral video समाज में उठते सवाल
1. क्या निजी रिश्तों के विवाद को इस तरह सार्वजनिक तमाशा बनाना सही है?
2. क्या भीड़ का काम वीडियो बनाना है,या पीड़ित की मदद करना?
3. महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून क्या ऐसे मामलों में प्रभावी हैं?
4. क्या सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए?
Puri viral video लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने इसे “शर्मनाक और अमानवीय कृत्य” बताया।
कई लोगों ने लिखा, “पति अगर पत्नी से नाराज़ था तो कानूनी रास्ता अपनाता, लेकिन इस तरह अपमान करना अपराध है।”
वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं,कि इस तरह के मामलों में भीड़ मानसिकता को बदलना बेहद ज़रूरी है, वरना कोई भी घटना मज़ाक और मनोरंजन का साधन बन जाएगी।
प्रशासन और सरकार पर दबाव
इस घटना ने ओडिशा सरकार और पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी दलों ने कहा कि “अगर पुलिस गश्त और निगरानी सही होती तो कोई पति अपनी पत्नी और उसके साथ मौजूद युवक को इस तरह सरेआम घुमा नहीं पाता।”
महिला आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग की है,कि पीड़िता को सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग उपलब्ध कराई जाए और आरोपियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी महिला इस तरह की शर्मनाक स्थिति का शिकार न हो।
निष्कर्ष
पुरी ज़िले का यह मामला सिर्फ एक वैवाहिक विवाद नहीं, बल्कि यह महिला की गरिमा, मानवाधिकार और कानून-व्यवस्था से जुड़ा गम्भीर अपराध है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो ने समाज को झकझोर कर रख दिया है।
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है, कि
क्या हम अपने गुस्से पर काबू पा रहे हैं?
क्या भीड़ संवेदनशीलता दिखा रही है?
क्या कानून को हाथ में लेने वालों पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई हो रही है?
अगर इस घटना के आरोपियों को सख्त सजा नहीं मिली तो यह भविष्य में और भी लोगों को “स्वयंभू न्यायाधीश” बनने के लिए उकसा सकता है। समाज और कानून दोनों को मिलकर यह संदेश देना होगा कि किसी भी विवाद का समाधान सिर्फ और सिर्फ न्यायपालिका के हाथ में है, न कि भीड़ या व्यक्तिगत प्रतिशोध में।
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