NEET student murder in Gorakhpur सपनों का कत्ल: गोरखपुर में नीट छात्र दीपक की हत्या से मचा हड़कंप, परिजनों ने लगाई न्याय की पुकार
NEET student murder in Gorakhpur गोरखपुर में नीट छात्र दीपक गुप्ता की दर्दनाक हत्या ने पूरे शहर को दहला दिया है। परिवार ने ₹1 करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। पुलिस जांच में जुटी, जनता इंसाफ की मांग कर रही है।
गोरखपुर की रात और टूटे सपने
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गोरखपुर की एक शांत रात अचानक चीख-पुकार और अफरा-तफरी से भर गई। यह वही रात थी, जब 19 साल का नीट छात्र दीपक गुप्ता अपने सपनों के साथ सोया था। उसे डॉक्टर बनना था, परिवार का सहारा बनना था, लेकिन कुछ अपराधियों ने न सिर्फ़ उसकी जान ले ली, बल्कि उस परिवार के सपनों को भी बेरहमी से कुचल दिया।
NEET student murder in Gorakhpur इस घटना ने पूरे गोरखपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। लोग कहते हैं, यह हत्या सिर्फ़ एक छात्र की नहीं, बल्कि एक पूरे भविष्य की हत्या है।
NEET student murder in Gorakhpur दीपक का सपना और संघर्ष
दीपक गुप्ता, एक साधारण परिवार का बेटा था। उसका सपना बड़ा था डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना। दिन-रात पढ़ाई में डूबे रहने वाला यह लड़का अपने परिवार की उम्मीदों की किरण था।
घर वाले बताते हैं, कि दीपक कभी किसी से ऊँची आवाज़ में बात तक नहीं करता था। पढ़ाई, मेहनत और ईमानदारी ही उसकी पहचान थी। लेकिन अपराधियों ने उसकी कहानी को अधूरा छोड़ दिया।
NEET student murder in Gorakhpur घटना कैसे हुई?
यह हादसा पिपराइच थाना क्षेत्र के मौचापी गाँव में हुआ। देर रात तीन पिकअप वाहन गाँव में दाखिल हुए। बताया जाता है कि यह लोग गायों को खोलकर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। शटर तोड़ने की आवाज़ सुनकर दीपक और कुछ ग्रामीण मौके पर पहुँच गए।
ग्रामीणों और तस्करों के बीच कहासुनी बढ़ी और मामला हिंसा तक पहुँच गया। आरोप है,कि तस्करों ने दीपक को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाया और फिर उसे रास्ते में धक्का देकर फेंक दिया। इसी दौरान उसके सिर पर गंभीर चोट लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।
NEET student murder in Gorakhpur पुलिस का बयान
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में साफ़ हुआ कि दीपक की मौत सिर में गंभीर चोट लगने से हुई। गोली चलने की अफवाहें भी फैलीं, लेकिन पुलिस ने इसे खारिज कर दिया।
एसएसपी का कहना है,कि छह संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है और उनकी तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। पुलिस प्रशासन ने यह भी माना कि शुरुआती स्तर पर लापरवाही हुई, जिसकी वजह से चौकी इंचार्ज और कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
NEET student murder in Gorakhpur जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी और अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ कर कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
परिवार का दर्द और मांग
दीपक के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी आँखों में सिर्फ़ एक सवाल है,हमारे बेटे का कसूर क्या था?
NEET student murder in Gorakhpur पिता ने कहा
“हमारा बेटा सिर्फ़ पढ़ाई करता था। उसका किसी से कोई झगड़ा नहीं था। अपराधियों ने हमारे घर की खुशियाँ छीन लीं।”
परिवार ने सरकार से ₹1 करोड़ मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उनका कहना है,कि इस दर्द का कोई मुआवजा नहीं हो सकता, लेकिन सरकार कम से कम इतना करे कि परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।
जनता की प्रतिक्रिया
घटना के बाद गाँव में भारी आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
लोगों का कहना है,कि गोरखपुर जैसे संवेदनशील जिले में अगर नीट की तैयारी कर रहे छात्रों की जान भी सुरक्षित नहीं है, तो कानून-व्यवस्था की हालत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
एक ग्रामीण ने कहा
Gorakhpur Pipraich crime news गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र की दर्दनाक घटना: युवक दीपक गुप्ता की हत्या और न्याय की पुकार

“दीपक जैसे बच्चे मेहनत करके डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं। लेकिन अगर अपराधी ऐसे ही खुले घूमते रहेंगे, तो न जाने कितने और सपने अधूरे रह जाएंगे।”
छात्रों में डर
गोरखपुर के कोचिंग सेंटरों और हॉस्टलों में पढ़ रहे छात्र गहरे सदमे में हैं। उनकी जुबान पर बस एक ही बात है –
“अगर पढ़ाई करने निकले बच्चों को भी सुरक्षित माहौल नहीं मिलेगा, तो हम कैसे अपने सपनों के लिए मेहनत करें?”
सोशल मीडिया पर Justice for NEET student in Gorakhpur ट्रेंड कर रहा है। युवा लगातार मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए।
राजनीतिक हलचल

यह मामला राजनीतिक रंग भी ले चुका है। विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया है। सवाल उठाए जा रहे हैं, कि जब मुख्यमंत्री का गृह जनपद ही सुरक्षित नहीं है, तो प्रदेश के बाकी जिलों का क्या हाल होगा?
दीपक गुप्ता की मौत सिर्फ़ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी चोट है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है, कि आखिर कब तक मेहनती और सपने देखने वाले बच्चे अपराधियों के शिकार बनते रहेंगे।
NEET student murder in Gorakhpur ने यह साबित कर दिया है, कि सुरक्षा सिर्फ़ नारों में है, हकीकत में नहीं। अब वक्त आ गया है, कि प्रशासन न सिर्फ़ अपराधियों को पकड़ कर सजा दिलाए, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम भी उठाए।
दीपक की याद सिर्फ़ उसके परिवार की नहीं, पूरे गोरखपुर की आँखों में आँसू बनकर तैर रही है। अब इंसाफ़ ही उसकी आत्मा की सच्ची शांति होगी।
यह आर्टिकल उपलब्ध तथ्य और स्थानीय रिपोर्टों पर आधारित है। उद्देश्य केवल पाठकों तक सटीक जानकारी पहुँचाना है। किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को ठेस पहुँचाना मकसद नहीं है।
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