VIP Movement in Lucknow: एंबुलेंस में तड़पता रहा घायल छात्र, लेकिन वीआईपी काफिले ने रोक दी जिंदगी

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VIP Movement in Lucknow: एंबुलेंस में तड़पता रहा घायल छात्र, लेकिन वीआईपी काफिले ने रोक दी जिंदगी

VIP Movement in Lucknow लखनऊ से आई यह खबर पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी की घंटी है।

एक तरफ सरकारें दावा करती हैं,कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है, वहीं दूसरी तरफ VIP Movement in Lucknow के दौरान हुई इस दर्दनाक घटना ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली की सच्चाई सामने रख दी है।

कैसे हुई पूरी घटना

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सोर्स बाय गूगल इमेज

जानकारी के अनुसार, राजधानी लखनऊ में एक वीआईपी मूवमेंट के चलते पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को वन-वे कर दिया।

इसी बीच एक एंबुलेंस, जिसमें एक गंभीर रूप से घायल छात्र को अस्पताल ले जाया जा रहा था, जाम में फँस गई।

एंबुलेंस का सायरन लगातार बजता रहा, पर सड़कें नहीं खुलीं। पुलिसकर्मी केवल वीआईपी काफिले को रास्ता देने में लगे रहे।

इसी लापरवाही के चलते छात्र ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।

VIP Movement in Lucknow शासन की लापरवाही पर सवाल

यह घटना अपने आप में शासन-प्रशासन की निरंकुश कार्यशैली को उजागर करती है।

पुलिस ने एंबुलेंस को प्राथमिकता नहीं दी।

वीआईपी सुरक्षा को आम नागरिक की जान से ज्यादा महत्व दिया गया।

सरकार और प्रशासन जनता की सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी भूल गए।

यह सवाल उठना लाजमी है,कि जब लोकतंत्र में जनता की जान की कीमत वीआईपी की सुरक्षा से कम आँकी जाए, तो फिर क्या यही लोकतंत्र कहलाता है?

VIP Movement in Lucknow जनता का गुस्सा

लखनऊ की सड़कों पर लोगों ने प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।

नागरिकों का कहना है कि VIP Movement in Lucknow हमेशा आम जनता के लिए मुसीबत बन जाता है।

इस घटना ने साबित कर दिया कि सरकार की प्राथमिकता जनता नहीं, बल्कि वीआईपी की सुविधा और सुरक्षा है।

सोशल मीडिया पर भी लोगों का आक्रोश फूट पड़ा।

VIP Movement in Lucknow  सुधार की उम्मीद

इस दर्दनाक घटना के बाद लोगों की उम्मीद है, कि सरकार इस मामले से सबक लेगी और भविष्य में VIP Movement in Lucknow जैसी स्थितियों में एंबुलेंस और इमरजेंसी सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी।

ट्रैफिक मैनेजमेंट को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है।

पुलिस को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए कि किस तरह VIP सुरक्षा और आम जनता की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाया जाए।

अगर सही प्लानिंग हो, तो किसी भी एंबुलेंस को रोके बिना वीआईपी मूवमेंट संभव है।

VIP Movement in Lucknow: लोकतंत्र की असली परिभाषा

लोकतंत्र की परिभाषा है  “जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता की सरकार।”

लेकिन इस घटना ने दिखा दिया कि असलियत में सत्ता और प्रशासन केवल वीआईपी संस्कृति का हिस्सा बनकर रह गया है।

एक आम छात्र की जान इसलिए चली गई क्योंकि सिस्टम को लगता है, कि वीआईपी की सुरक्षा, आम नागरिक की जान से ज्यादा जरूरी है।

VIP Movement in Lucknow  प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि

पुलिस केवल वीआईपी काफिले का रास्ता साफ करने में लगी रही।

एंबुलेंस का सायरन बजता रहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

लोग पुलिस से विनती करते रहे कि पहले एंबुलेंस को निकलने दें, लेकिन आदेशों के आगे इंसानियत हार गई।

यह बयान अपने आप में साबित करता है कि यह लापरवाही नहीं बल्कि अपराध है।

VIP Movement in Lucknow: सोशल मीडिया पर आक्रोश

जैसे ही खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लोगों का गुस्सा सामने आ गया।

ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया

#VIPMovementInLucknow और #JusticeForStudent जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

कई लोगों ने लिखा – “जब लोकतंत्र में जनता की जान की कोई कीमत नहीं, तो यह लोकतंत्र कैसा?”

 निष्कर्ष

यह घटना केवल एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर कड़ा तमाचा है।

VIP Movement in Lucknow ने साबित कर दिया कि जब सत्ता जनता की सेवा भूल जाती है, तब ऐसी दर्दनाक और चौंकाने वाली घटनाएँ सामने आती हैं।

असली Power जनता के पास है। अगर जनता आवाज उठाए और सिस्टम से जवाब मांगे, तभी बदलाव संभव है।

लखनऊ की यह घटना सिर्फ एक दर्दनाक हादसा नहीं, बल्कि शासन की असंवेदनशीलता का जीता-जागता सबूत है।

यह सवाल देश के हर नागरिक के मन में उठना चाहिए कि

क्या हमारी जान की कीमत सिर्फ इसलिए कम है क्योंकि हम वीआईपी नहीं हैं?

VIP Movement in Lucknow से मिली यह सीख है कि –

जनता की जान को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

एंबुलेंस और इमरजेंसी सेवाओं को कभी नहीं रोका जाना चाहिए।

लोकतंत्र में असली वीआईपी जनता है, न कि सत्ता के पदाधिकारी।

जब तक शासन और सत्ता में बैठी सरकार और प्रशासन इस मानसिकता को नहीं बदलेंगे, तब तक ऐसी घटनाएँ बार-बार जनता का खून बहाती रहेंगी।

 

 

akhtar husain https://newsdilsebharat.net

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