Gorakhpur Teachers Protest गोरखपुर में शिक्षकों की बड़ी मुहिम केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान से मिला शिक्षक प्रतिनिधिमंडल 2011 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET से मुक्त करने की रखी मांग
Gorakhpur Teachers Protest गोरखपुर में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान से मुलाकात कर 2011 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET से मुक्त करने की मांग रखी। मंत्री ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किसी शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी।
Gorakhpur Teachers Protest गोरखपुर में सोमवार का दिन शिक्षकों के संघर्ष और उम्मीदों का गवाह बना। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षक एकजुट होकर अपनी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर आगे आए। उनका लक्ष्य था अपने सांसदों और केंद्रीय नेतृत्व तक अपनी आवाज़ पहुँचाना, ताकि 2011 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) से मुक्त किया जा सके।
इस मौके पर संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने बांसगांव संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान से मुलाकात कर अपनी बात रखी। पूरे सम्मान और गंभीरता से मंत्री ने शिक्षकों की मांगों को सुना और उन्हें हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
Gorakhpur Teachers Protest क्यों उठ रही है यह मांग
सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2025 को एक अहम निर्देश जारी किया। इस निर्देश के बाद शिक्षक संघ ने राज्य के सभी सांसदों से मुलाकात कर आरटीई एक्ट (Right to Education Act) में संशोधन की मांग उठाई। शिक्षकों का कहना है कि जो लोग 2011 से पहले शिक्षक पद पर नियुक्त हुए, उन पर TET लागू करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह उनके साथ अन्याय भी है।
शिक्षक संघ का मानना है,कि यह शिक्षकों की सेवाओं और अनुभव पर सवाल खड़ा करता है।
केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान से मुलाकात
Gorakhpur Teachers Protest गोरखपुर जिला अध्यक्ष राजेश धर दुबे, जिला मंत्री श्रीधर मिश्र, मांडलिक मंत्री ज्ञानेंद्र ओझा के नेतृत्व में भारी संख्या में पदाधिकारी और शिक्षक केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान से मिले।
मंत्री ने पूरा ज्ञापन ध्यान से पढ़ा और कहा कि 2011 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET लागू करना प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किसी भी शिक्षक की नौकरी पर संकट नहीं आने दिया जाएगा।
Gorakhpur Teachers Protest पासवान ने यह भी कहा कि वे इस संबंध में मानव संसाधन मंत्री को पत्र भेजेंगे और जरूरत पड़ी तो शिक्षक प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री से भी कराएंगे।
सांसद रवि किशन से टेलीफोनिक बातचीत
इसी क्रम में, शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन शुक्ला से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल सका। उनकी अनुपस्थिति में संघ के पदाधिकारियों ने उनसे टेलीफोनिक बातचीत की।
रवि किशन ने अपनी पूरी सहमति और समर्थन जताते हुए एक समर्थन पत्र लिखने का आश्वासन दिया।
उनके प्रतिनिधि को भी ज्ञापन सौंपा गया।
Gorakhpur Teachers Protest कौन-कौन रहे शामिल?
इस कार्यक्रम में जिले और ब्लॉकों से जुड़े कई वरिष्ठ पदाधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
राजेश धर दूबे (जिलाध्यक्ष)
श्रीधर मिश्र (जिला मंत्री)
ज्ञानेंद्र ओझा (मांडलिक मंत्री)
युगेश शुक्ला (संयुक्त मंत्री)
अनिल चंद (ब्लॉक मंत्री, सरदार नगर)
राजेश सिंह (ब्लॉक मंत्री, चरगांवा)
डॉ. सीबी तिवारी (ब्लॉक मंत्री, ब्रम्हपुर)
सुमंत सिंह (ब्लॉक अध्यक्ष, गगहा)
जय प्रकाश मद्देशिया (ब्लॉक अध्यक्ष, पिपरौली)
नरेंद्र सिंह (ब्लॉक अध्यक्ष, भटहट)
शिवेंद्र प्रताप उपाध्याय (ब्लॉक मंत्री, पिपरौली)
डॉ. आशुतोष मिश्रा (ब्लॉक अध्यक्ष, कैंपियरगंज)
अरविंद पांडेय (ब्लॉक मंत्री, खोराबार)
संपूर्णानंद तिवारी (महानगर अध्यक्ष)
जीतेन्द्र मिश्र (ब्लॉक मंत्री, भटहट)
इसके अलावा भी बड़ी संख्या में शिक्षक इस आंदोलन और ज्ञापन कार्यक्रम में शामिल हुए।
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Gorakhpur Teachers Protest शिक्षकों की आवाज़
शिक्षकों ने कहा कि वे अपने हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। उनका कहना है, कि।
हम 2011 से पहले नियुक्त हुए हैं, उस समय TET लागू नहीं था। इसलिए हम पर इसे थोपना गलत है।
हमारे अनुभव और वर्षों की मेहनत को दरकिनार नहीं किया जा सकता।
सरकार और सांसद अगर हमारे पक्ष में खड़े होते हैं,तो यह लाखों शिक्षकों के जीवन को सुरक्षित बनाएगा।
Gorakhpur Teachers Protest राजनीतिक और सामाजिक महत्व
यह मांग केवल गोरखपुर तक सीमित नहीं है। यह पूरे प्रदेश के शिक्षकों की साझा लड़ाई है।
अगर मांग पूरी होती है,तो हजारों परिवारों को राहत मिलेगी।
अन्य राज्यों के शिक्षकों के लिए भी यह एक मिसाल बनेगा।
शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता आएगी और शिक्षकों के मन में सुरक्षा का भाव पैदा होगा।
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गोरखपुर में हुई यह मुलाकात केवल ज्ञापन कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह शिक्षकों की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक है।
केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान और सांसद रवि किशन के आश्वासन ने शिक्षकों को उम्मीद दी है,कि उनकी आवाज़ संसद और सरकार तक पहुंचेगी।
अब देखना यह है, कि आने वाले दिनों में सरकार और संबंधित मंत्रालय इस पर क्या कदम उठाते हैं। शिक्षकों की मांग पूरी होती है, या नहीं, यह भविष्य तय करेगा। लेकिन इतना तय है, कि गोरखपुर से उठी यह आवाज़ अब पूरे प्रदेश में गूंजने लगी है।
डिस्क्लेमर
यह आर्टिकल उपलब्ध जानकारी और शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञापन पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल पाठकों तक जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार की तथ्यात्मक त्रुटि के लिए संबंधित संगठन या अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
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