Digital Arrest बीजेपी सांसद की पत्नी पर साइबर ठगों का शॉकिंग डिजिटल अरेस्ट, 14 लाख रुपये की ठगी

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Digital Arrest बीजेपी सांसद की पत्नी पर साइबर ठगों का शॉकिंग डिजिटल अरेस्ट, 14 लाख रुपये की ठगी

Digital arrest बीजेपी सांसद डॉ. के. सुधाकर की पत्नी डॉ. प्रीति सुधाकर साइबर ठगों के शिकार हुईं। ठगों ने खुद को मुंबई साइबर अधिकारी बताकर 14 लाख रुपये ठग लिए। पढ़ें पूरी खबर और जानें साइबर सुरक्षा के जरूरी उपाय।

हमारे डिजिटल जमाने में जहां इंटरनेट ने जीवन को आसान बना दिया है, वहीं कुछ चालाक ठग अपनी चालाकियों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। हाल ही में कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर से बीजेपी सांसद डॉ. के. सुधाकर की पत्नी डॉ. प्रीति सुधाकर एक ऐसी साइबर ठगी की चपेट में आ गईं, जिसे अब ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा रहा है।

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Digital Arrest  डिजिटल अरेस्ट क्या है

Digital Arrest बीजेपी सांसद की पत्नी पर साइबर ठगों का शॉकिंग डिजिटल अरेस्ट, 14 लाख रुपये की ठगी
सोर्स बाय गूगल इमेज

डिजिटल अरेस्ट एक खतरनाक साइबर फ्रॉड है। इसमें ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ित को डराते हैं, कि उनके खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई होगी। डर के कारण लोग तुरंत पैसे ट्रांसफर कर देते हैं और बाद में पता चलता है,कि यह सब धोखाधड़ी थी।

Digital Arrest  घटना का पूरा सच

26 अगस्त 2025 को डॉ. प्रीति सुधाकर के पास एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर विभाग का अधिकारी बताया। उन्होंने दावा किया कि डॉ. प्रीति के बैंक खाते का उपयोग अवैध अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में हुआ है और यदि उन्होंने तुरंत 14 लाख रुपये ट्रांसफर नहीं किए, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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Digital Arrest  डॉ. प्रीति ने डर के मारे अपने HDFC बैंक खाते से पैसे एक अज्ञात Yes बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें यह एहसास हुआ कि यह ठगी थी और उन्होंने तुरंत बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने किया शानदार काम

Digital Arrest बीजेपी सांसद की पत्नी पर साइबर ठगों का शॉकिंग डिजिटल अरेस्ट, 14 लाख रुपये की ठगी

साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। जिस बैंक खाते में पैसे गए थे उसे फ्रीज कर दिया गया। 3 सितंबर 2025 को कोर्ट के आदेश पर पूरी रकम डॉ. प्रीति के खाते में वापस कर दी गई। पुलिस ने आम जनता से अपील की है,कि किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।

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  Digital Arrest ऐसे रहें सतर्क

1. कभी भी किसी अनजान कॉलर को बैंक या व्यक्तिगत जानकारी न दें।

2. किसी भी लिंक पर बिना जांचे क्लिक न करें।

3. संदिग्ध कॉल या मैसेज मिलने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन या स्थानीय पुलिस को सूचित करें।

डॉ. प्रीति सुधाकर की यह घटना हमें चेतावनी देती है कि डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। साइबर ठगों से बचने के लिए जागरूकता और सही सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।

डॉ. प्रीति सुधाकर का यह मामला केवल एक व्यक्ति या परिवार की परेशानी नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है। आज साइबर ठग केवल आम लोगों को ही नहीं, बल्कि शिक्षित, जागरूक और बड़े पदों से जुड़े लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि डिजिटल युग में कोई भी व्यक्ति पूरी तरह सुरक्षित नहीं है, जब तक कि वह खुद सावधान और जागरूक न हो।

इस घटना से यह भी समझ आता है,कि ठगों की रणनीतियाँ कितनी खतरनाक और मनोवैज्ञानिक दबाव डालने वाली होती हैं। वे डर, शर्म और कानून के नाम पर लोगों को फंसाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर नागरिक को यह जानकारी हो कि असली सरकारी एजेंसियां कभी फोन या व्हाट्सएप कॉल पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर नहीं करतीं।

सरकार और पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है,कि साइबर अपराधों के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाएं। वहीं, जनता की जिम्मेदारी है कि वे खुद सतर्क रहें और अपने परिवार व दोस्तों को भी समय-समय पर इन खतरों के बारे में सचेत करें।

अगर हम सब मिलकर सतर्क रहेंगे तो ऐसे साइबर अपराधियों की चालें ज्यादा दिनों तक सफल नहीं हो पाएंगी और ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे नए फ्रॉड भी अपनी जगह बनाने में नाकाम रहेंगे।

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अस्वीकरण: यह लेख सार्वजनिक समाचार स्रोतों पर आधारित है। इसमें बताए गए तथ्यों और घटनाओं की पुष्टि संबंधित समाचार माध्यमों से की जा सकती है।

 

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