Shikshamitra Protest Jaunpur 2025
जौनपुर में शिक्षामित्रों ने शिक्षक दिवस को मनाया काला दिवस, मुख्यमंत्री को सौंपा 5 सूत्रीय ज्ञापन
Shikshamitra Protest Jaunpur 2025 जौनपुर, 05 सितम्बर 2025,जहाँ एक ओर पूरे देश में शिक्षक दिवस उत्साह और सम्मान के साथ मनाया गया, वहीं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में शिक्षामित्रों ने इस दिन को “काला दिवस” घोषित कर दिया। अपनी लंबित समस्याओं और अस्थायी दर्जे से नाराज़ शिक्षामित्रों ने ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय पहुँचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
काले दिवस का विरोध प्रदर्शन
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शुक्रवार सुबह से ही जिले के विभिन्न प्रखंडों से सैकड़ों शिक्षामित्र काली पट्टियाँ बाँधकर और हाथों में तख्तियाँ लेकर बीएसए कार्यालय पहुँचे। सामान्यतः शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह आयोजित होते हैं, लेकिन इस बार मंच से नारों की गूंज सुनाई दी। शिक्षामित्रों का कहना था कि वर्षों से वे प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा हैं, लेकिन सरकार उन्हें अस्थायी मानकर नज़रअंदाज़ कर रही है।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, जनपद जौनपुर के जिला महामंत्री छोटेलाल गौतम ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए कहा –
“आज जब पूरा देश शिक्षकों का सम्मान कर रहा है, हम शिक्षामित्र विवश होकर शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं। हमें स्थायी दर्जा न मिलने की पीड़ा अब असहनीय हो चुकी है।”
प्रमुख मांगें
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ज्ञापन में शिक्षामित्रों ने अपनी पाँच मुख्य माँगों को स्पष्ट रूप से रखा।
1. नियमावली संशोधन कर पुन: समायोजन – सरकार द्वारा पारित नियमावली में संशोधन करते हुए शिक्षामित्रों को दोबारा से समायोजित किया जाए।
2. नई शिक्षा नीति में समावेश – राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में शिक्षामित्रों को सम्मिलित कर नियमित किया जाए।
3. जीवनयापन योग्य मानदेय – जब तक नियमितीकरण/समायोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक शिक्षामित्रों को 62 वर्ष की आयु तक 12 माह जीवनयापन योग्य मानदेय वेतन दिया जाए।
4. मृतक शिक्षामित्रों के आश्रितों को सहायता – मृतक शिक्षामित्रों के परिजनों को आर्थिक मदद दी जाए और आश्रितों को नौकरी देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया जाए।
5. TET पास शिक्षामित्रों की सीधी नियुक्ति – जो शिक्षामित्र TET परीक्षा पास कर चुके हैं, उन्हें सीधे सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त कर नियमित किया जाए।
क्यों मना रहे हैं काला दिवस? Shikshamitra Protest Jaunpur 2025
शिक्षामित्रों का कहना है, कि बीते दो दशकों से वे न्यूनतम मानदेय पर काम कर रहे हैं। वर्ष 2000 के बाद बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन उन्हें आज तक नियमित दर्जा नहीं मिल पाया। कोर्ट के आदेशों, सरकार की घोषणाओं और नीतिगत बदलावों के बावजूद उनकी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
कई शिक्षामित्र 50 से 55 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं,और अब उन्हें भविष्य को लेकर गहरी चिंता सता रही है। उनके अनुसार, इतने वर्षों तक सेवा देने के बाद भी परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो रहा है।
शिक्षामित्रों की पीड़ा Shikshamitra Protest Jaunpur 2025
जिला महामंत्री छोटेलाल गौतम ने कहा –
“हम पढ़ाते हैं, स्कूल चलाते हैं, लेकिन वेतन इतना कम है,कि बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जिम्मेदारी पूरी करना असंभव हो गया है। कुछ साथी अपनी आर्थिक तंगी के कारण बीमारियों से जूझ रहे हैं तो कई ने आत्महत्या तक कर ली।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि मृतक शिक्षामित्रों के परिवारों को न सरकार से आर्थिक मदद मिलती है,और न ही कोई नौकरी। इससे परिजनों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
सरकार और नीतियों का संदर्भ
उत्तर प्रदेश में करीब 1.5 लाख से अधिक शिक्षामित्र कार्यरत हैं। 2014 में एक बार इन्हें सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया था, लेकिन उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के बाद यह प्रक्रिया रद्द हो गई। तब से शिक्षामित्र मानदेय पर ही कार्य कर रहे हैं।
सरकार समय-समय पर मानदेय बढ़ाने और सम्मानजनक स्थिति देने की बात करती रही है, लेकिन संघ का आरोप है, कि ज़मीनी स्तर पर स्थिति नहीं बदली। नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को नियमित करने का कोई स्पष्ट प्रावधान न होने से उनकी चिंता और बढ़ गई है।
सामाजिक और शैक्षिक असर Shikshamitra Protest Jaunpur 2025
विशेषज्ञों का मानना है,कि शिक्षामित्रों की असुरक्षा का सीधा असर प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ता है। जब अध्यापक ही अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हों, तो उनका ध्यान पढ़ाई से हटना स्वाभाविक है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ शिक्षामित्र ही शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं, वहाँ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
संघ के नेता बोले – संघर्ष जारी रहेगा
शिक्षामित्र संघ के अन्य नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द सहानुभूतिपूर्ण विचार नहीं किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
“हमारे पास विकल्प नहीं है। हम बच्चे पढ़ाते हैं, लेकिन अपने बच्चों की फीस तक भरने में सक्षम नहीं हैं। यह विरोध सरकार तक हमारी आवाज पहुँचाने का आखिरी साधन है।”
आगे की राह Shikshamitra Protest Jaunpur 2025
ज्ञापन अब मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुँचा है। शिक्षामित्र उम्मीद कर रहे हैं,कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनेगी। हालाँकि, पूर्व के अनुभवों को देखते हुए संघ आंदोलन की तैयारी में जुट गया है।
विशेषज्ञ मानते हैं,कि यदि सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो आने वाले महीनों में प्रदेशभर में शिक्षामित्रों का बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष Shikshamitra Protest Jaunpur 2025
जौनपुर के शिक्षामित्रों का शिक्षक दिवस को काला दिवस बनाना एक गहरी विडंबना है। जिस दिन समाज अपने शिक्षकों का सम्मान करता है, उसी दिन शिक्षामित्र अपनी उपेक्षा और पीड़ा को उजागर करने पर मजबूर हैं।
स्पष्ट है,कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह असंतोष जारी रहेगा। शिक्षामित्रों का कहना है,कि वे सम्मान, स्थायित्व और न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं, जो किसी भी शिक्षक का बुनियादी अधिकार है।
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