5 lakh cyber fraud India सुहवल में साइबर ठगी का बड़ा मामला: किसान के खाते से पांच लाख रुपये साफ, बैंक लापरवाही पर सवाल

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5 lakh cyber fraud India सुहवल में साइबर ठगी का बड़ा मामला: किसान के खाते से पांच लाख रुपये साफ, बैंक लापरवाही पर सवाल

5 lakh cyber fraud India गाजीपुर जिले के सुहवल गांव में किसान शेषनाथ राम पटेल के खाते से पांच लाख रुपये साइबर ठगों ने उड़ा लिए। पीड़ित ने बैंक की लापरवाही पर सवाल उठाए और पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

5 lakh cyber fraud India आज के डिजिटल जमाने में जहां लोग ऑनलाइन बैंकिंग को आसान और सुरक्षित मानते हैं, वहीं साइबर अपराधी हर दिन किसी न किसी को निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला गाज़ीपुर जिले के सुहवल थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहां एक किसान के खाते से पांच लाख रुपये उड़ गए। पीड़ित परिवार सदमे में है और लोग अब बैंक की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।

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सोर्स बाय गूगल इमेज

पीड़ित शेषनाथ राम पटेल के साथ क्या हुआ

5 lakh cyber fraud India सुहवल गांव निवासी शेषनाथ राम पटेल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 6 सितंबर को उनके मोबाइल पर अचानक एक मैसेज आया। इस मैसेज में जानकारी दी गई कि उनके खाते से 4 लाख 40 हजार रुपये की निकासी हो चुकी है। जबकि उन्होंने ऐसा कोई लेन देन किया ही नहीं था।

पीड़ित ने बताया कि इस मैसेज को देखकर उनके होश उड़ गए। घबराहट में उन्होंने तुरंत एसबीआई कस्टमर केयर को कॉल किया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कॉल करने के कुछ ही मिनट बाद उनके खाते से 60 हजार रुपये और निकल गए।

इस तरह कुल 5 लाख रुपये की साइबर ठगी का शिकार हो गए।

तुरंत की गई शिकायत, फिर भी नुकसान

5 lakh cyber fraud India शेषनाथ राम पटेल ने बताया कि उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई। साथ ही स्थानीय थाने में भी तहरीर दी।

उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि जिस दिन यह ट्रांजेक्शन हुआ, उसी दिन गाजीपुर के मिश्रबाजार स्थित एसबीआई मुख्य शाखा का नेट बैंकिंग सिस्टम डाउन था। ऐसे में सवाल यह उठता है,कि जब बैंक का सिस्टम सही से काम ही नहीं कर रहा था, तो इतना बड़ा RTGS ट्रांजेक्शन आखिर कैसे हो गया।

यह घटना सीधे-सीधे बैंक की लापरवाही को उजागर करती है।

5 lakh cyber fraud India पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

5 lakh cyber fraud India सुहवल में साइबर ठगी का बड़ा मामला: किसान के खाते से पांच लाख रुपये साफ, बैंक लापरवाही पर सवाल

थाना प्रभारी निरीक्षक राज नारायण ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है,और साइबर सेल की मदद से लेन-देन की डिटेल निकाली जा रही है।

पुलिस का कहना है ,कि जल्द ही ठगों का पता लगा लिया जाएगा। लेकिन इस बीच पीड़ित किसान और उनका परिवार बेहद परेशान है।

5 lakh cyber fraud India डिजिटल भरोसे पर बड़ा सवाल

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि उन लाखों लोगों की चिंता को सामने लाता है, जो अपनी मेहनत की कमाई बैंकों में सुरक्षित मानते हैं। जब बैंक का सिस्टम डाउन हो और उसी दौरान खाते से लाखों रुपये गायब हो जाएं, तो लोगों का विश्वास टूटना लाजमी है।

5 lakh cyber fraud India आज सरकार और बैंक डिजिटल लेन देन को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन आम आदमी अब यह सोचने पर मजबूर है, कि क्या उसकी मेहनत की कमाई वास्तव में सुरक्षित है?

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5 lakh cyber fraud India साइबर ठग कैसे बना रहे लोगों को निशाना?

भारत में हर दिन हजारों लोग साइबर अपराधियों का शिकार बन रहे हैं। ठग कई तरीकों से लोगों को फंसाते हैं:

1. फर्जी मैसेज और कॉल  बैंक अधिकारी बनकर कॉल करना और ओटीपी पूछना।

2. फिशिंग वेबसाइट  नकली वेबसाइट पर लॉगिन कराकर जानकारी चोरी करना।

3. नेट बैंकिंग में सेंध  बैंक की तकनीकी खामियों का फायदा उठाना।

4. मैलवेयर और लिंक  मोबाइल या ईमेल पर लिंक भेजकर डेटा चुराना।

शेषनाथ राम पटेल का केस इसी कड़ी का हिस्सा है, जहां तकनीकी कमजोरी और लापरवाही ने अपराधियों को मौका दिया।

5 lakh cyber fraud India  पीड़ित परिवार पर असर

एक किसान या आम आदमी के लिए पांच लाख रुपये बहुत बड़ी रकम होती है। शेषनाथ राम पटेल जैसे लोग अपनी पूरी जिंदगी मेहनत करके थोड़ी-थोड़ी पूंजी जोड़ते हैं। अचानक इतनी बड़ी रकम हाथ से निकल जाना किसी सपने के टूटने जैसा है।

परिवार के लोग दहशत और चिंता में हैं। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर इतनी बड़ी ठगी की भरपाई कैसे होगी।

बैंक की जिम्मेदारी क्यों जरूरी

बैंक का काम सिर्फ पैसे जमा करना और निकालना नहीं, बल्कि ग्राहकों का विश्वास बनाए रखना भी है। जब किसी का खाता हैक होता है या सिस्टम डाउन होते हुए भी ट्रांजेक्शन हो जाता है, तो यह सीधे बैंक की सुरक्षा पर सवाल उठाता है।

ग्राहकों को भरोसा दिलाने के लिए बैंकों को अपनी तकनीक और सिक्योरिटी को और मजबूत करना होगा।

हर संदिग्ध लेन-देन पर तुरंत अलर्ट और रोकथाम जरूरी है।

ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है, ताकि लोग सतर्क रहें।

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5 lakh cyber fraud India  लोगों को सतर्क रहने की जरूरत

साइबर अपराध से बचने के लिए आम जनता को खुद भी सतर्क रहना होगा।

कभी भी ओटीपी, पासवर्ड या एटीएम पिन किसी से साझा न करें।

संदिग्ध कॉल या लिंक पर क्लिक करने से बचें।

बैंकिंग ऐप और नेट बैंकिंग में हमेशा मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।

किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत बैंक और साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।

5 lakh cyber fraud India सुहवल का यह मामला हमें एक बड़ा सबक देता है, कि डिजिटल दुनिया जितनी आसान है, उतनी ही खतरनाक भी। एक तरफ बैंक और सरकार डिजिटल इंडिया का सपना दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ साइबर अपराधी लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं।

अब वक्त आ गया है,कि बैंक अपनी जिम्मेदारी समझें, सुरक्षा को मजबूत करें और ग्राहकों को जागरूक बनाएं। वरना ऐसे मामले लोगों के विश्वास को तोड़ देंगे।

5 lakh cyber fraud India  डिस्क्लेमर

यह लेख सिर्फ जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए तथ्य समाचार स्रोतों और उपलब्ध जानकारी पर आधारित हैं। किसी भी तरह की बैंकिंग समस्या या साइबर अपराध से जुड़ी स्थिति में तुरंत संबंधित बैंक और साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें।

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