Bulldozer Action Gorakhpur भाजपा के पूर्व डिप्टी मेयर की दुकान रातोंरात ढही, आरोपी दुर्गा प्रसाद पर FIR
Bulldozer Action Gorakhpur गोरखपुर में भाजपा के पूर्व डिप्टी मेयर चिरंजीव चौरसिया की दुकान बुलडोजर से ढहा दी गई। आरोपी दुर्गा प्रसाद पर FIR, पुलिस जांच जारी।
इंसानियत को झकझोर देने वाली रात

गोरखपुर शहर ने 20 सितंबर की रात एक ऐसी घटना देखी जिसने आम आदमी से लेकर बड़े व्यापारियों तक को हिला दिया। भाजपा के पूर्व डिप्टी मेयर चिरंजीव चौरसिया की वर्षों पुरानी दुकान को अचानक बुलडोजर लगाकर ढहा दिया गया। यह घटना सिर्फ संपत्ति के नुकसान की नहीं है,बल्कि एक सम्मानित जनप्रतिनिधि और व्यापारी के आत्मसम्मान पर चोट है।
Bulldozer Action Gorakhpur चौरसिया ने जब सुबह अपनी दुकान को मलबे में तब्दील देखा तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए। परिवार और समर्थक सन्न रह गए। सवाल यह उठता है,कि आखिर गोरखपुर जैसे बड़े शहर में ऐसी गुंडागर्दी कैसे हो सकती है, जहां कानून-व्यवस्था पर सरकार लगातार “सख्ती” का दावा करती है।
Bulldozer Action Gorakhpur घटना कहाँ और कैसे हुई
स्थान: हजारीपुर, कोतवाली थाना क्षेत्र, गोरखपुर।
तारीख और समय: 20 सितंबर 2025 की देर रात।
क्या हुआ: आधी रात को कुछ लोगों ने बुलडोजर बुलाकर चौरसिया की दुकान ढहा दी।
Bulldozer Action Gorakhpur पीड़ित चिरंजीव चौरसिया का कहना है,कि दुकान में रखे करीब ₹10,000 नगद और कई अहम कागजात भी गायब हो गए। उनके मुताबिक, ये पूरी कार्रवाई “दुकान खरीदने का दावा करने वाले दबंगों” द्वारा की गई, जिनका इरादा कब्जा जमाने का था।
पीड़ित पक्ष: चिरंजीव चौरसिया की पीड़ा
चौरसिया भाजपा से जुड़े रहे हैं,और शहर में उनका सामाजिक प्रभाव भी है। इस घटना के बाद उन्होंने मीडिया से कहा
“ये सिर्फ मेरी दुकान पर हमला नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था पर सीधा हमला है। अगर एक पूर्व डिप्टी मेयर की दुकान रातोंरात बुलडोजर से ढहा दी जा सकती है तो आम आदमी कितना असुरक्षित होगा।”
उनके परिवार का कहना है, कि दुकान उनकी मेहनत और जीवन भर की कमाई का सहारा थी। अब वे सड़क पर खड़े हो गए हैं।
आरोपी पक्ष और नामजद व्यक्ति

Bulldozer Action Gorakhpur इस घटना में पुलिस ने जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है,उसका नाम दुर्गा प्रसाद जायसवाल है। आरोप है,कि जायसवाल और उसके साथी लंबे समय से इस दुकान को हड़पने की फिराक में थे। घटना की रात वही बुलडोजर लेकर पहुंचे और पूरी दुकान ध्वस्त कर दी।
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स्थानीय लोगों का कहना है,कि घटना को अंजाम देने वालों ने पूरी योजना के साथ बुलडोजर मंगवाया और देखते ही देखते दुकान को मलबे में बदल दिया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी दुर्गा प्रसाद जायसवाल के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
थाना कोतवाली पुलिस ने बताया कि
पीड़ित पक्ष की तहरीर पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी की तलाश की जा रही है, और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, घटना के बाद से पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं, कि इतनी बड़ी कार्रवाई रातों-रात कैसे हो गई और बुलडोजर कैसे शहर में बिना प्रशासन की जानकारी के चला?
स्थानीय व्यापारियों और जनता का गुस्सा
जैसे ही यह खबर फैली, हजारीपुर और आसपास के व्यापारी मौके पर पहुंच गए। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने घटना की निंदा की और कहा
अगर एक पूर्व डिप्टी मेयर की दुकान सुरक्षित नहीं है,तो फिर किसी छोटे दुकानदार का क्या होगा? प्रशासन को तुरंत दोषियों को गिरफ्तार करना चाहिए।
Bulldozer Action Gorakhpur कई संगठनों ने इस घटना को भूमाफिया और प्रशासन की मिलीभगत करार दिया और आंदोलन की चेतावनी दी।
Bulldozer Action Gorakhpur राजनीतिक माहौल में हलचल
भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इसे पार्टी के सम्मान पर हमला बताया। वहीं विपक्षी दलों ने इसे “कानून-व्यवस्था की विफलता” करार देते हुए सरकार पर निशाना साधा।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कहा कि अगर गोरखपुर जैसे संवेदनशील शहर में ऐसा हो रहा है तो पूरे प्रदेश में लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
पीड़ित की ओर से FIR और मांगें
चिरंजीव चौरसिया ने पुलिस को दी तहरीर में साफ लिखा कि आरोपी दुर्गा प्रसाद जायसवाल और उसके साथियों ने बुलडोजर से उनकी दुकान ढहा दी, जिसमें रखे रुपए और कागजात भी गायब कर दिए गए।
उन्होंने प्रशासन से मांग की
1. दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो।
2. हुए नुकसान की भरपाई हो।
3. उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए।
Bulldozer Action Gorakhpur जांच की दिशा और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है,कि बुलडोजर किसके नाम पर था और उसे किसने बुलाया, इसकी जांच की जा रही है।
जिला प्रशासन ने भी मौके का मुआयना किया और रिपोर्ट मांगी है। अनुमान है,कि आने वाले दिनों में इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
Bulldozer Action Gorakhpur जनता की आवाज़
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने गुस्सा जताया। कई लोगों ने लिखा
अगर बुलडोजर माफिया के हाथ लग गया तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।
ये प्रशासन की नाकामी है। गोरखपुर में गुंडाराज बढ़ रहा है।
यह घटना सिर्फ एक दुकान गिराए जाने की नहीं बल्कि गोरखपुर की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। चिरंजीव चौरसिया जैसे पूर्व जनप्रतिनिधि अगर सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा? अब सबकी नजरें पुलिस और प्रशासन पर हैं कि वे कितनी तेजी और सख्ती से दोषियों को पकड़कर कार्रवाई करते हैं।
यह लेख विभिन्न विश्वसनीय समाचार स्रोतों और प्रत्यक्ष रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल पाठकों को सही और निष्पक्ष तथ्य उपलब्ध कराना है। किसी भी व्यक्ति या संस्था की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाना इसका मकसद नहीं है। जांच आगे बढ़ने पर तथ्य बदल सकते हैं। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी नतीजे पर पहुँचने से पहले आधिकारिक रिपोर्ट का इंतज़ार करें।
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