Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash
गोरखपुर विश्वविद्यालय में बवाल: पेरियार जयंती पर दो छात्र संगठनों की भिड़ंत, एबीवीपी कार्यकर्ता ने किया आत्मदाह का प्रयास
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash गोरखपुर विश्वविद्यालय गेट पर पेरियार जयंती के दौरान एबीवीपी और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन में विवाद बढ़ा। एबीवीपी कार्यकर्ता ने आत्मदाह का प्रयास किया, अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस जांच कर रही है। पूरी खबर पढ़ें।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash इंसानी जज़्बात से शुरू होती कहानी

गोरखपुर विश्वविद्यालय का मुख्य गेट बुधवार की शाम अचानक अफरा-तफरी का केंद्र बन गया। एक तरफ पेरियार जयंती मनाने का कार्यक्रम चल रहा था, वहीं दूसरी तरफ दो छात्र संगठनों के बीच विवाद ऐसा भड़का कि माहौल तनावपूर्ण हो गया। आम छात्रों और राहगीरों के लिए यह नजारा चौंकाने वाला था, क्योंकि यहां शिक्षा और विचारों की जगह नारेबाजी, आरोप प्रत्यारोप और अंततः आत्मदाह का प्रयास देखने को मिला।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash पेरियार जयंती और विवाद की चिंगारी
बुधवार को विश्वविद्यालय के गेट पर भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन ने पेरियार जयंती मनाने का कार्यक्रम आयोजित किया। पेरियार दक्षिण भारत के समाज सुधारक और विचारक रहे हैं, जिन्हें जातिगत भेदभाव और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए जाना जाता है।
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Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash कार्यक्रम स्थल पर बैनर और पोस्टर लगाए गए थे। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ कार्यकर्ता वहाँ पहुँचे। उनका आरोप था कि बैनर गंदे स्थान पर लगाया गया है,और महापुरुषों की तस्वीरें ठीक से प्रदर्शित नहीं की गई हैं, जो अपमानजनक है। यही आरोप विवाद की चिंगारी बन गया।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash बढ़ता विवाद और आत्मदाह का प्रयास

विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि एबीवीपी के संगठन मंत्री राजवर्धन सिंह ने गुस्से और आक्रोश में अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया। यह नजारा देख वहां मौजूद छात्र और लोग स्तब्ध रह गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पेट्रोल का कुछ हिस्सा उनके मुंह में भी चला गया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। सांस लेने में परेशानी और बेचैनी ने हालत गंभीर कर दी।
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तुरंत साथी कार्यकर्ताओं ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन परिवार और साथियों का आरोप है,कि वहाँ पर्याप्त इलाज नहीं मिला। अंततः उन्हें शाही ग्लोबल अस्पताल, तारामंडल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टरों ने राहत की खबर दी कि उनकी स्थिति खतरे से बाहर है।
एबीवीपी और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन आमने-सामने
एबीवीपी का कहना है, कि पेरियार जयंती मनाने वाले संगठन ने महापुरुषों का अपमान किया है। उनका आरोप है कि “बैनर गंदगी के बीच लगाया गया और यह जानबूझकर किया गया है।” वहीं, भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन का पक्ष है, कि उनका उद्देश्य सिर्फ पेरियार की जयंती मनाना था और इसमें कोई अपमानजनक मंशा नहीं थी।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash एबीवीपी ने यह भी आरोप लगाया कि विवाद के दौरान उन पर पेट्रोल फेंका गया, जबकि दूसरी तरफ का कहना है,कि आत्मदाह का प्रयास राजवर्धन सिंह ने खुद किया। इस तरह दोनों संगठन एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस की भूमिका
गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है कि पेरियार जयंती जैसे आयोजन की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई थी। प्रशासन का कहना है, कि बिना अनुमति इस तरह का कार्यक्रम करना नियमों के खिलाफ है,और इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होती है।
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वहीं पुलिस ने भी मौके पर पहुँचकर स्थिति को काबू किया। कैंट थाने के प्रभारी ने बताया कि राजवर्धन सिंह ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया था। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर उन्हें बचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash छात्रों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है। विश्वविद्यालय परिसर, जो ज्ञान और शिक्षा का केंद्र होना चाहिए, वहाँ इस तरह का विवाद और आत्मदाह का प्रयास छात्रों के भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। अगर समय रहते हस्तक्षेप न होता तो यह घटना और बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।
छात्र संगठनों के बीच इस तरह का टकराव यह भी दिखाता है, कि विचारधारा के नाम पर युवा किस हद तक जा सकते हैं। इससे न सिर्फ उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash अस्पताल में हाल और परिवार की चिंता
राजवर्धन सिंह के परिजन और साथी लगातार उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। डॉक्टरों के मुताबिक फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है,और खतरे से बाहर हैं। लेकिन मानसिक और शारीरिक आघात से उबरने में समय लगेगा।
एबीवीपी के कार्यकर्ता लगातार अस्पताल में मौजूद हैं,और आरोप लगा रहे हैं, कि यह घटना सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। दूसरी तरफ भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन का कहना है,कि उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।
Gorakhpur University Periyar Jayanti Clash आगे क्या
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, और बयान दर्ज कर रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्र संगठनों को चेतावनी दी है, कि बिना अनुमति कोई भी कार्यक्रम न करें।
यह घटना साफ दिखाती है, कि विश्वविद्यालयों में विचारों की लड़ाई अब हिंसा और टकराव में बदल रही है। छात्रों, अध्यापकों और प्रशासन को मिलकर इस पर गंभीर मंथन करना होगा कि आखिर शिक्षा के मंदिर में ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई यह घटना केवल एक विवाद नहीं बल्कि हमारे शिक्षा तंत्र और छात्र राजनीति की दिशा पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। जब विचारधारा के नाम पर छात्र आत्मदाह की कगार पर पहुँच जाएं, तो यह समाज और परिवार दोनों के लिए चिंता का विषय है।
राजवर्धन सिंह का आत्मदाह प्रयास भले ही टल गया हो, लेकिन इस घटना ने कई जख्म छोड़ दिए हैं। अब ज़रूरत है कि प्रशासन, छात्र संगठन और समाज मिलकर यह सुनिश्चित करें कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।
यह लेख उपलब्ध समाचार स्रोतों और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी पर आधारित है। सभी तथ्यों की पुष्टि संबंधित प्रशासन और जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही है। इस आर्टिकल का उद्देश्य केवल पाठकों तक घटना की सटीक जानकारी पहुँचाना है, किसी भी संगठन या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं।
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