म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप: हजारों प्रभावित, राहत कार्य जारी
Myanmar म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 Earthquake 7.7 तीव्रता के भूकंप ने देश में भारी तबाही मचाई है। इस भूकंप ने न केवल हजारों लोगों की जान ले ली बल्कि बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया। भूकंप का असर म्यांमार के अलावा थाईलैंड, बांग्लादेश और भारत तक महसूस किया गया।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव भूकंप का केंद्र मांडले क्षेत्र के सागाइंग और मांडले के बीच स्थित था, जो म्यांमार की सबसे संवेदनशील भूकंपीय फॉल्ट लाइनों में से एक है। इस विनाशकारी भूकंप के झटके पूरे म्यांमार सहित पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र: सागाइंग, मांडले, यांगून, राखाइन, मागवे और बागो।
हजारों इमारतें ढह गईं, ऐतिहासिक स्थल नष्ट हो गए, और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुँचा अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 2,300 से अधिक घायल हुए हैं।
भूकंप से हुए विनाश की तस्वीर इस भूकंप ने Myanmaar म्यांमार के कई ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक इमारतों को भी नुकसान पहुँचाया। मांडले शहर की ऐतिहासिक दीवारों के हिस्से गिर गए, सागाइंग ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया, और इनवा का माई नू ईंट मठ पूरी तरह नष्ट हो गया। इसके अलावा, कई होटल, अस्पताल, और स्कूल भी ढह गए हैं।
आपातकालीन घोषणा और राहत कार्य म्यांमार की सैन्य सरकार ने सागाइंग, मांडले, बागो, पूर्वी शान और यांगून में आपातकाल घोषित कर दिया है। बचाव और राहत कार्यों को तेज करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।

प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल भेजे गए हैं, और विस्थापित लोगों के लिए अस्थायी शिविर बनाए जा रहे हैं। घायलों का इलाज करने के लिए अस्पतालों में आपातकालीन सुविधाएँ स्थापित की गई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहायता और प्रतिक्रिया इस आपदा के मद्देनजर, कई देशों और संगठनों ने म्यांमार को सहायता प्रदान की है।
भारत ने म्यांमार में संकटग्रस्त लोगों के लिए भेजी 15 टन राहत सामग्री
म्यांमार में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर भारत ने संकटग्रस्त लोगों की सहायता के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी है। इस मानवीय सहायता में खाद्य सामग्री, दवाइयां, टेंट और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में वितरित की जाएंगी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह सहायता भारत की “पड़ोसी प्रथम” नीति के तहत भेजी गई है, जिससे म्यांमार में आपदा प्रभावित लोगों को त्वरित राहत मिल सके। भारतीय वायु सेना के विशेष विमान के जरिए यह सामग्री म्यांमार पहुंचाई गई, जहां स्थानीय प्रशासन और राहत एजेंसियां इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने में सहयोग करेंगी।
म्यांमार सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत की इस मदद के लिए आभार जताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहायता संकटग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्वास और राहत प्रयासों को गति देने में मदद करेगी।
चीन ने म्यांमार को भेजी आपदा राहत सहायता, 37 सदस्यीय बचाव दल और 5 टन चिकित्सा आपूर्ति रवाना
नेपीता: म्यांमार में आई प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर चीन ने मानवीय सहायता के रूप में 37 सदस्यीय बचाव दल और 5 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी है। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और आपदा राहत प्रयासों का हिस्सा है।
चीन की सरकार ने कहा कि यह सहायता म्यांमार में प्रभावित लोगों की चिकित्सा और पुनर्वास में मदद करेगी। चिकित्सा आपूर्ति में आवश्यक दवाएं, प्राथमिक उपचार सामग्री और आपातकालीन चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
आपदा से प्रभावित इलाकों में राहत अभियान
म्यांमार में हाल ही में आए चक्रवात और बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। कई स्थानों पर बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है और राहत कार्यों की तत्काल आवश्यकता है। चीन द्वारा भेजी गई टीम बचाव अभियान में सहायता करेगी और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगी।
रूस: 120 बचाव कर्मियों की टीम और आपातकालीन सहायता सामग्री भेजी गई
म्यांमार में आपदा राहत प्रयासों को मजबूती देने के लिए रूस ने 120 बचाव कर्मियों की एक विशेष टीम और आपातकालीन सहायता सामग्री भेजी है। यह कदम हाल ही में म्यांमार में आई प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर उठाया गया है, जिससे कई इलाकों में व्यापक नुकसान हुआ है।
रूसी आपातकालीन सेवा विभाग ने बताया कि इस टीम में प्रशिक्षित बचावकर्मी, चिकित्सक और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं, जो राहत एवं पुनर्वास कार्यों में मदद करेंगे। इसके अलावा, म्यांमार को भोजन, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य आवश्यक सामान भी भेजा गया है।
Myanmar म्यांमार सरकार ने इस सहायता के लिए रूस का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह समर्थन संकटग्रस्त इलाकों में तेजी से राहत कार्यों को गति देने में सहायक होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से म्यांमार में हालात को जल्द ही नियंत्रण में लाने में मदद मिलेगी।

संयुक्त राष्ट्र ने $5 मिलियन की आपातकालीन राहत निधि प्रदान की
Myanmar म्यांमार में हाल ही में आई Earhquake 7.7 प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र ने तेजी से राहत कार्यों के लिए $5 मिलियन की आपातकालीन राहत निधि जारी की है। यह सहायता संयुक्त राष्ट्र की सेंट्रल इमरजेंसी रिस्पांस फंड (CERF) के माध्यम से प्रदान की गई है, जिसका उद्देश्य प्रभावित लोगों को तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाना है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने बताया कि यह निधि भोजन, स्वच्छ पानी, चिकित्सा सेवाएं और आश्रय जैसी आवश्यक राहत सामग्रियों के लिए उपयोग की जाएगी। म्यांमार में आई इस आपदा से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, और अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता लगातार बनी हुई है।
संयुक्त राष्ट्र के इस कदम से राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सहायता से स्थानीय प्रशासन और राहत संगठनों को संकटग्रस्त क्षेत्रों में मदद पहुंचाने में काफी सहूलियत मिलेगी।
Thailand थाईलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में असर इस भूकंप के झटके थाईलैंड में भी महसूस किए गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। बांग्लादेश में भी कई इमारतें हिल गईं और लोगों में दहशत फैल गई।
भविष्य की चुनौतियाँ और आवश्यकताएँ म्यांमार पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और बुनियादी ढांचे की समस्याओं से जूझ रहा था। इस भूकंप ने स्थिति को और विकट बना दिया है। संचार प्रणाली बाधित है, और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। राहत एजेंसियाँ आशंका जता रही हैं कि पुनर्निर्माण में वर्षों लग सकते हैं।
Myanmar म्यांमार में आया यह Earhquake 7.7 तीव्रता का भूकंप देश के लिए एक बड़ी आपदा साबित हुआ है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से राहत कार्य चल रहे हैं, लेकिन इस आपदा से उबरने में लंबा समय लगेगा। प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने और पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए निरंतर समर्थन आवश्यक है।
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