Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur चित्र प्रदर्शनी में झलकेगी आदिशक्ति की भव्यता : भक्ति, कला और संस्कृति का दिव्य संगम
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur गोरखपुर के श्रीचित्रगुप्त मंदिर में 27-28 अक्टूबर को आयोजित होगी भव्य आदिशक्ति चित्रकला प्रदर्शनी, जहां मां दुर्गा के दिव्य रूपों को कलाकार रंगों और कैनवस पर जीवंत करेंगे। यह प्रदर्शनी भक्ति, कला और संस्कृति का अनूठा संगम होगी।
गोरखपुर में सजेगा रंगों से देवी दुर्गा के दिव्य रूपों का अलौकिक संसार
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur गोरखपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरा एक बार फिर भक्ति और कला का अद्भुत संगम देखने जा रही है। नवरात्र की पावन बेला में जब पूरा देश मां दुर्गा की आराधना में लीन होता है, तब गोरखपुर का श्रीचित्रगुप्त मंदिर भी रंगों और रचनात्मकता से सराबोर होगा। यहां आयोजित होने वाली आदिशक्ति चित्रकला प्रदर्शनी न केवल भक्तों की आस्था को नई उड़ान देगी, बल्कि कला प्रेमियों के लिए भी यह एक अविस्मरणीय अनुभव बनने जा रही है।
27 और 28 अक्टूबर को होगा आयोजन
यह दो दिवसीय प्रदर्शनी 27 और 28 अक्टूबर को श्रीचित्रगुप्त मंदिर सभा, बक्शीपुर के भव्य सभागार में आयोजित की जाएगी। इस विशेष अवसर का उद्घाटन 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे होगा। मुख्य अतिथि के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन शामिल होंगी। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में दूरदर्शन केंद्र के कार्यक्रम निदेशक मोहन यादव, वरिष्ठ आचार्य प्रो. शिव शरण दास, प्रो. निशा जायसवाल और राजेश चंद्रा अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करेंगे।
समापन अवसर पर 28 अक्टूबर को मुख्य अतिथि होंगे भारतीय स्टेट बैंक गोरखपुर के उप महाप्रबंधक कुमार आनंद, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद, अंबरीश श्रीवास्तव और डॉ. गौरी शंकर चौहान शामिल होंगे।
कला और आस्था का अद्वितीय उत्सव
इस आयोजन की खास बात यह है, कि इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों से लेकर उनके प्रतीकों तक को कलाकार अपने कैनवस पर जीवंत करेंगे। आयोजकों ने बताया कि इस प्रदर्शनी में कुल 30 कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी, जो कैनवस, ऐक्रेलिक और मिक्स मीडिया जैसी तकनीकों से तैयार की गई हैं।
गोरखपुर के अलावा वाराणसी, बस्ती, महराजगंज जैसे जनपदों के महिला और पुरुष कलाकार इसमें अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे। प्रदर्शनी का उद्देश्य है, कि कला के माध्यम से आध्यात्मिक भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए।
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur कला प्रेमियों के लिए सौंदर्य का उत्सव
संस्था की अध्यक्ष ममता श्रीवास्तव और संयोजक अनीता श्रीवास्तव का कहना है,कि यह प्रदर्शनी भक्तों के लिए जहां श्रद्धा का केंद्र होगी, वहीं कला प्रेमियों के लिए सौंदर्य का उत्सव भी बनेगी। देवी के विविध रूपों को रंगों में ढालकर कलाकार न केवल अपनी भावनाओं को व्यक्त करेंगे, बल्कि लोगों को यह संदेश भी देंगे कि कला और भक्ति का संबंध आत्मा से जुड़ा है।
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur प्रदर्शनी का सांस्कृतिक महत्व
भारत में चित्रकला का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। चाहे अजन्ता एलोरा की गुफाएं हों या मंदिरों की भित्ति चित्रकला, हर जगह देवी-देवताओं के रूपों को रंगों और आकृतियों में उतारने की परंपरा रही है। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गोरखपुर की यह प्रदर्शनी आधुनिक माध्यमों के जरिए लोगों को देवी की शक्ति और महिमा का एहसास कराएगी।
नवरात्र के पावन दिनों में जब हर घर में देवी की पूजा होती है, तब यह आयोजन जनमानस को एक अलग ही अनुभव देगा। यहां लोग केवल चित्र ही नहीं देखेंगे, बल्कि उन चित्रों से निकलती ऊर्जा को महसूस करेंगे।
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur कलाकारों के लिए सम्मान और प्रेरणा
आयोजन समिति ने बताया कि प्रदर्शनी के समापन अवसर पर सभी प्रतिभागी कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा, जिसमें मां दुर्गा की महिमा का गुणगान भजनों और संगीत के माध्यम से किया जाएगा। दूरदर्शन और आकाशवाणी से जुड़े सुप्रसिद्ध कलाकार इस कार्यक्रम को और भी भव्य बनाएंगे।
यह पहल न केवल कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का मंच देती है, बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय परंपरा और संस्कृति से जोड़ने का भी काम करती है।
कला, संस्कृति और भक्ति की त्रिवेणी
प्रदर्शनी का मकसद केवल रंगों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक गहरा संदेश देना है। यहां आने वाले लोग समझ पाएंगे कि कला केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह आत्मा को छूने वाली साधना है। देवी के विविध रूपों को चित्रों में देखना और उन्हें भक्ति की दृष्टि से अनुभव करना अपने आप में एक अनूठा अनुभव होगा।
गोरखपुर जैसे शहर में इस तरह का आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक चेतना को भी प्रबल करता है। यह प्रदर्शनी इस बात का उदाहरण है,कि परंपरा और आधुनिकता जब मिलती हैं, तो एक नया सौंदर्य और गहराई जन्म लेती है।
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Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur श्रद्धा और सौंदर्य का संगम
भक्ति और कला का यह संगम आने वाले दर्शकों के लिए भावनात्मक रूप से भी गहरा अनुभव बनेगा। जब एक भक्त मां दुर्गा के चित्रों के सामने खड़ा होगा, तो वह केवल रंग और आकृति नहीं देखेगा, बल्कि उसमें देवी का आशीर्वाद और दिव्यता महसूस करेगा। वहीं, एक कला प्रेमी इन चित्रों की तकनीक, रंगों का संतुलन और कलाकार की संवेदनशीलता का आनंद लेगा।
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur इस तरह यह आयोजन हर व्यक्ति के लिए कुछ अलग लेकर आएगा भक्तों के लिए भक्ति का रस, कलाकारों के लिए प्रेरणा, और कला प्रेमियों के लिए सौंदर्य का उत्सव।
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur गोरखपुर की यह आदिशक्ति चित्रकला प्रदर्शनी सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति और कला के मेल का जीवंत उदाहरण है। यह साबित करती है, कि जब कला आस्था से मिलती है, तो साधारण चित्र भी दिव्य अनुभव का रूप ले लेते हैं। 27 और 28 अक्टूबर को आयोजित यह प्रदर्शनी उन सभी लोगों के लिए एक अवसर है, जो भक्ति, संस्कृति और कला को करीब से महसूस करना चाहते हैं।
Adishakti Painting Exhibition Gorakhpur इस लेख में दी गई जानकारी आयोजकों द्वारा साझा किए गए विवरण और प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित है। आयोजन में समय, अतिथि या कार्यक्रम संबंधी किसी भी परिवर्तन के लिए आयोजक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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