Gorakhpur Pradhan candidate molestation case गोरखपुर में प्रधान प्रत्याशी पर छेड़खानी का आरोप, महिला ने सड़क पर की पिटाई
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case गोरखपुर के गुलहरिया क्षेत्र में ग्राम प्रधान प्रत्याशी पर महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया और सड़क पर पिटाई कर दी। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है।
उत्तर प्रदेश गोरखपुर 7 सितंबर 2025 – गोरखपुर जिले के गुलहरिया थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। ग्राम प्रधान प्रत्याशी दिलीप तिवारी पर एक महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया और बीच सड़क पर उसकी पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया और पुलिस को तत्काल हस्तक्षेप करना पड़ा।
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case घटना का पूरा विवरण

गुलहरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काम करती है। उसका आरोप है, कि ग्राम प्रधान प्रत्याशी दिलीप तिवारी लंबे समय से उसे परेशान कर रहा था। महिला का कहना है,कि आरोपी अक्सर उसे रास्ते में रोककर अभद्र टिप्पणियां करता और लिफ्ट देने के बहाने पास आने की कोशिश करता था।
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case महिला के मुताबिक, घटना वाले दिन वह काम से लौट रही थी। तभी दिलीप तिवारी ने बाइक पर रुककर उससे बात करने की कोशिश की। महिला को जब लगा कि आरोपी फिर से गलत इरादे से उसे रोक रहा है, तो उसने हिम्मत दिखाई और उसका पीछा किया। कुछ दूरी पर जाकर महिला ने आरोपी को पकड़ लिया, बाइक से घसीटकर नीचे उतारा और लोगों के सामने ही उसकी पिटाई कर दी।
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Gorakhpur Pradhan candidate molestation case महिला का आरोप
पीड़िता ने बताया कि यह घटना पहली बार नहीं हुई। वह कई बार छेड़छाड़ का शिकार हो चुकी थी लेकिन समाज और इज्जत के डर से चुप रही। उसने आरोप लगाया कि –
आरोपी लगातार पीछा करता था।
अश्लील हरकतें और टिप्पणियां करता था।
जातिसूचक गालियां भी दी गईं।
धमकी दी जाती थी कि शिकायत की तो अंजाम बुरा होगा।
महिला ने कहा कि अब उसके सब्र का बांध टूट गया और उसने सड़क पर ही न्याय लेने का फैसला किया।
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case प्रत्याशी का पक्ष
आरोप झेल रहे ग्राम प्रधान प्रत्याशी दिलीप तिवारी ने सभी दावों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है, कि महिला ने बेवजह उन पर हमला किया।
“मैं अपने घर जा रहा था। अचानक महिला ने रास्ते में रोकने की कोशिश की। जब मैंने बाइक आगे बढ़ाई तो उसने पीछा किया और फिर सड़क पर मुझे रोककर कॉलर पकड़ लिया। उसके बाद बिना किसी वजह के पिटाई शुरू कर दी। ये सब राजनीति से प्रेरित है।” – दिलीप तिवारी का बयान।
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Gorakhpur Pradhan candidate molestation case पुलिस की कार्रवाई
गुलहरिया थाना पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर ली और मामला दर्ज कर लिया।
थाना प्रभारी का कहना है,कि –
महिला और आरोपी दोनों के बयान लिए गए हैं।
घटना का वीडियो और गवाहों के बयान भी जुटाए जा रहे हैं।
जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case गवाहों का बयान
स्थानीय लोगों का कहना है,कि महिला अचानक जोर-जोर से चिल्लाते हुए आई और प्रत्याशी को रोककर पिटाई करने लगी। भीड़ जुटने पर लोगों ने दोनों को अलग किया। कुछ लोगों ने बताया कि महिला लंबे समय से शिकायत कर रही थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
चुनावी रंजिश का एंगल
ग्राम पंचायत चुनाव नजदीक होने के कारण इस घटना को लेकर राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। कुछ लोग इसे चुनावी रंजिश बता रहे हैं, जबकि महिला और उसके समर्थक इसे महिला सम्मान का मुद्दा मान रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है, कि ग्रामीण राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है। हालांकि, यह मामला सीधे छेड़छाड़ और महिला सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण गंभीर माना जा रहा है।
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case सोशल मीडिया पर चर्चा
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स में लोग इस मामले पर अपनी राय दे रहे हैं।
कुछ लोग महिला की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं।
कुछ लोग इसे पब्लिसिटी स्टंट और राजनीति से प्रेरित मान रहे हैं।
कई लोग पूछ रहे हैं, कि अगर आरोप सही हैं,तो पुलिस ने अब तक सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की।
महिला सुरक्षा और कानून
यह घटना एक बार फिर महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है। उत्तर प्रदेश में छेड़छाड़ और महिला उत्पीड़न के मामलों में सरकार ने कई सख्त कानून बनाए हैं।
आईपीसी धारा 354 महिला से छेड़छाड़ या अभद्र व्यवहार करने पर 1 साल से लेकर 5 साल तक की सज़ा हो सकती है।
एससी/एसटी एक्ट जातिसूचक शब्दों और गालियों का इस्तेमाल करने पर अलग से केस दर्ज होता है।
पुलिस की जिम्मेदारी हर शिकायत को गंभीरता से लेना और त्वरित कार्रवाई करना।
समाज पर असर
इस घटना ने गांव और शहर दोनों में महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा छेड़ दी है। समाजशास्त्रियों का कहना है, कि महिलाओं को अब चुप रहने के बजाय आवाज उठानी होगी। साथ ही, पुलिस और प्रशासन को भी पीड़ितों की शिकायत को तुरंत दर्ज कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
निष्कर्ष
Gorakhpur Pradhan candidate molestation case गोरखपुर का यह मामला केवल एक महिला और एक प्रत्याशी के बीच विवाद नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाता है,कि क्या हमारी ग्रामीण राजनीति में महिला सम्मान को दरकिनार किया जा रहा है।
पुलिस की जांच से ही सच्चाई सामने आएगी कि आरोप सही हैं, या चुनावी रंजिश का हिस्सा। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है,और महिला सुरक्षा की गंभीरता को फिर से सामने ला दिया है।
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