India Pakistan cricket controversy क्या बीसीसीआई को पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना चाहिए? असदुद्दीन ओवैसी ने उठाए कड़े सवाल, देशवासियों में गूंजा सुर

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India Pakistan cricket controversy क्या बीसीसीआई को पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना चाहिए? असदुद्दीन ओवैसी ने उठाए कड़े सवाल, देशवासियों में गूंजा सुर

India Pakistan cricket controversy न्यू दिल्ली हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार और बीसीसीआई से सवाल किया कि पाकिस्तान ने 26 भारतीयों की हत्या की, फिर भी उनसे क्रिकेट क्यों? क्या 2000-3000 करोड़ की कमाई शहीदों की शहादत से बड़ी है? पूरा देश सरकार से जवाब मांग रहा है।

  India Pakistan cricket controversy 14 सितंबर 2025 – भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर पूरे देश में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। सवाल वही है,जो बरसों से भारतीयों के दिलों को झकझोरता आ रहा है,क्या पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना सही है, जबकि वही पाकिस्तान हमारे सैनिकों और नागरिकों के खून से हाथ रंगता आया है?

हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने इस बार ईद मिलादुन्नबी ﷺ के पावन अवसर पर आयोजित “जलसा रहमतुल-लिल-आलमीन (SAW)” से देश की जनता और सरकार दोनों को सीधा संदेश दिया। उन्होंने कहा –

India Pakistan cricket controversy “पाकिस्तान ने हमारे 26 मासूम हिंदू भाइयों को धर्म पूछकर गोली मारी और उसी पाकिस्तान से मोदी सरकार क्रिकेट खेलने जा रही है। क्या यह शहीदों की शहादत का मज़ाक नहीं है?”

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India Pakistan cricket controversy
सोर्स बाय गूगल इमेज

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयान को भी याद दिलाया। प्रधानमंत्री ने एक बार साफ कहा था –

“ख़ून और पानी साथ नहीं बह सकते… आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते।”

लेकिन आज वही सरकार पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलने की अनुमति दे रही है। सवाल उठता है, कि जब पाकिस्तान की गोलियों से हमारे लोग मारे जा रहे हों, तब क्या बल्ला और गेंद हाथ में उठाना उचित है?

India Pakistan cricket controversy ओवैसी का ट्वीट और सोशल मीडिया पर बहस

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ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर (X) अकाउंट पर भी सरकार और बीसीसीआई को घेरते हुए लिखा –

“BCCI को पाकिस्तान से मैच खेलकर 2000-3000 करोड़ कमाना है, या 26 मासूम भारतीयों की शहादत का सम्मान बचाना है? मोदी सरकार जवाब दे।”

India Pakistan cricket controversy  उनका यह ट्वीट वायरल हो गया। लाखों भारतीयों ने इसे रीट्वीट किया और हजारों ने टिप्पणी की। लोगों ने लिखा –

शहीदों के खून से बड़ा कोई क्रिकेट नहीं है।”

“बीसीसीआई को केवल पैसे की चिंता है, लेकिन देश की जनता को शहीदों की शहादत का दर्द है।”

“मोदी सरकार को इस पर तुरंत कदम उठाना चाहिए।”

बीसीसीआई की कमाई बनाम शहीदों का खून

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बीसीसीआई पाकिस्तान के साथ खेले जाने वाले मैचों से 2000-3000 करोड़ रुपये कमाता है। यह पैसा टीवी प्रसारण, विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप से आता है। लेकिन सवाल यह है –

क्या अरबों रुपये उन 26 शहीद हिंदू भाइयों की जान से ज्यादा कीमती हैं?

क्या बीसीसीआई की तिजोरी भरना देशभक्ति कहलाएगा?

क्या शहीद परिवारों की आंखों के आंसुओं की कीमत केवल क्रिकेट मैच की टिकट है?

India Pakistan cricket controversy देशवासियों की भावनाएं – हर भारतीय का सवाल

हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हो या ईसाई – इस मुद्दे पर हर भारतीय का दिल एक जैसा धड़कता है। लोग कहते हैं –

“जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देगा, तब तक क्रिकेट नहीं होना चाहिए।”

“पैसा तो बाद में भी आ जाएगा, लेकिन शहीदों की शहादत का सम्मान खो गया तो वह कभी वापस नहीं आएगा।

“पाकिस्तान से रिश्ते क्रिकेट के मैदान में नहीं, सीमा पर तय होने चाहिए।”

India Pakistan cricket controversy गलवान घाटी से लेकर 26 शहीद नागरिकों तक का दर्द

भारत की जनता आज भी गलवान घाटी की उस रात को याद करती है जब चीन की सेना ने हमारे 20 जवानों को शहीद कर दिया था। उसी तरह पाकिस्तान ने कई बार भारत के निर्दोष नागरिकों पर हमला किया। हाल ही में 26 मासूम हिंदू भाइयों को धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया गया।

क्या इन शहीदों की आत्मा को यह अच्छा लगेगा कि भारत की टीम उसी पाकिस्तान से क्रिकेट खेले जिसने उन्हें मौत दी?

India Pakistan cricket controversy ओवैसी की सीधी चेतावनी

ओवैसी ने जलसे में कहा:

 “कल भी हम उन 26 शहीद नागरिकों के साथ खड़े थे, आज भी खड़े हैं,और कल भी खड़े रहेंगे। पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना उन शहीदों की शहादत का मज़ाक है।”

उनका यह बयान सिर्फ AIMIM समर्थकों का नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों का दर्द बयान करता है।

पैसा या देशभक्ति – सरकार को लेना होगा फैसला

आज सवाल सिर्फ इतना है –

क्या भारत सरकार बीसीसीआई को पाकिस्तान से मैच खेलने से रोकेगी?

क्या क्रिकेट के नाम पर शहीदों की शहादत को भुला दिया जाएगा?

क्या प्रधानमंत्री मोदी अपने ही बयान “ख़ून और पानी साथ नहीं बह सकते” को याद रखेंगे?

देश के करोड़ों लोग इस बार सिर्फ एक आवाज़ में बोल रहे हैं –

 “पैसा नहीं, हमें शहादत का सम्मान चाहिए।”

निष्कर्ष अब आधे-अधूरे जवाब नहीं चाहिए

यह सवाल आज हर भारतीय का है। चाहे वह दिल्ली की गली हो या गोरखपुर का चौराहा, चाहे मुंबई का ऑफिस हो या कश्मीर की धरती – हर जगह लोग पूछ रहे हैं कि आखिर सरकार कब दुश्मन से क्रिकेट और व्यापार बंद करेगी?

 

भारत के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र सम्मान का सवाल बन गया है। अगर शहीदों की कुर्बानी को सच में सम्मान देना है, तो सरकार और बीसीसीआई को पाकिस्तान से क्रिकेट के सारे रिश्ते खत्म करने होंगे।

आज देश का हर नागरिक यही पुकार रहा है –

क्रिकेट या शहादत? मोदी सरकार जवाब दो!”

 

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